संसदीय बोर्ड से बाहर होने पर शिवराज सिंह चौहान बोले, पार्टी कहेगी तो दरी भी बिछाऊंगा

संसदीय बोर्ड से बाहर होने पर शिवराज सिंह चौहान बोले, पार्टी कहेगी तो दरी भी बिछाऊंगा
ख़बर को शेयर करे

भोपाल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि भाजपा मुझे दरी बिछाने को कहेगी, तो शिवराज दरी बिछाने को भी राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का काम मानकर करेगा। दिल्ली जाओगे कि वहां जाओगे। मुझे कहीं नहीं जाना। पार्टी कहेगी कि जैत में रहो, तो जैत में रहूंगा। पार्टी कहेगी भोपाल में रहो, तो भोपाल में रहूंगा। मुझे कोई अहं नहीं। शिवराज ने भाजपा संसदीय बोर्ड से हटाने के सवाल पर यह बात कही। शिवराज ने शनिवार को भोपाल में एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में कहा कि राजनीति में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं होनी चाहिए। शिवराज संसदीय बोर्ड से हटाए जाने के बाद पहली बार इस संबंध में बोले।

नीतीश कुमार पर साधा निशाना

शिवराज ने कहा आप पार्टी के कार्यकर्ता हो तो पार्टी ही तय करती है किसे क्या काम करना है। जो भूमिका पार्टी तय करती है उसे करना हमारा काम है। हटाना और रखना ये संगठन की एक सामान्य प्रक्रिया है। नई टीम में पूरा देश शामिल है। योग्य लोगों को मौका मिला है। उन्होंने बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर कहा भाजपा ने छोटी पार्टी होने के बावजूद नीतीश को सम्मान दिया था। जिस ढंग से उन्होंने भ्रष्टाचारियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है। वह अवसरवादिता का निकृष्ट उदाहरण है। 

संसदीय बोर्ड में इस बार इन्हें मिली जगह

संसदीय बोर्ड में पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को भी जगह नहीं मिली। वर्तमान सदस्य व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बाहर हो गए। जबकि कर्नाटक में भाजपा के बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा, तेलंगाना के पूर्व अध्यक्ष के लक्ष्मण, पंजाब के इकबाल ¨सह लालपुरा, असम से आने वाले केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल जैसे लोगों को शामिल कर देश के हर कोने को प्रतिनिधित्व दिया गया। बोर्ड में लालपुरा पहले सिख प्रतिनिधि हैं। परोक्ष रूप से यह संदेश भी दे दिया गया कि मुख्यमंत्री संसदीय बोर्ड में नहीं होंगे। 11 सदस्यीय संसदीय बोर्ड और 15 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति में कई ऐसे चेहरे शामिल किए हैं, जिनकी दूर दूर तक चर्चा नहीं थी। संदेश के साथ जातिगत संतुलन साधने की कोशिश अब संसदीय बोर्ड में येदियुरप्पा, लालपुरा, और सत्यनारायण जटिया को भी शामिल किया गया है। येदियुरप्पा को शामिल कर कर्नाटक के अंदर भाजपा में खटपट करने वालों को भी संदेश दे दिया गया।

इसे भी पढ़े   राजद में JDU का विलय होगा? आखिर क्यों भड़के उपेंद्र कुशवाहा

ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *