16 महीने में कश्मीर में 127 लोगों ने की आत्महत्या,एसडीआरएफ की स्टडी में दावा

16 महीने में कश्मीर में 127 लोगों ने की आत्महत्या,एसडीआरएफ की स्टडी में दावा

नई दिल्ली। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF)के एक अध्ययन के मुताबिक पिछले 16 महीनों के दौरान कश्मीर घाटी में आत्महत्या करने से 127 लोगों की मौत हो गई जबकि 238 लोगों ने खुदकुशी करने की कोशिश की। मानसिक स्वास्थ्य पर यह अध्ययन कश्मीर के 10 जिलों में किया गया था।

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एसडीआरएफ कमांडेंट हसीब उर रहमान ने मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन ‘सुकून’ को लॉन्च करने के दौरान कहा, “फरवरी 2021 से जून 2022 के बीच 365 व्यक्तियों ने सुसाइड करने की कोशिश की जिनमें से 127 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान 238 लोगों ने आत्महत्या करने की कोशिश की जिन्हें कि बचा लिया गया।’ उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के बाद मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा जिसको देखते हुए 24×7 ‘सुकून’ हेल्पलाइन शुरू की गई है। इसमें विशेषज्ञ पीड़ित से बात करेंगे।

यहां हुई सबसे ज्यादा आत्महत्या
आंकड़ों के अनुसार बडगाम के मध्य कश्मीर जिले में सबसे अधिक आत्महत्या के प्रयास किए गए, जिनमें कि 72 लोगों को जान गई। अनंतनाग जिले में सबसे ज्यादा 55 खुदकुशी की कोशिश हुई। श्रीनगर में अपनी जान लेने वाले 17 व्यक्तियों में से किसी को भी नहीं बचाया जा सका। इसका मुकाबला करने के लिए अधिकारियों को आपदा मित्र शुरू करना पड़ा।

आपदा मित्र क्या है?
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने श्रीनगर में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों का एक पूल बनाने के लिए एसडीआरएफ मुख्यालय में केंद्र प्रायोजित योजना ‘आपदा मित्र योजना’ के तहत 50 लोगों के पहले बैच के लिए आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण शुरू किया। पहले बैच के 50 लोगों के लिए 12 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन डीएमआरआरआर सचिव नाजिम जिया खान ने किया।

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कमांडेंट एसडीआरएफ हसीब उर रहमान ने कहा कि एनडीएमए के पाठ्यक्रम के अनुसार बारामूला,कुपवाड़ा और कुलगाम के 600 आपदा-मित्र स्वयंसेवकों को कई बैच में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित करना ताकि किसी भी घटना के दौरान इनकी सेवाओं का उपयोग किया जा सके। इनमें फिर चाहे वह प्राकृतिक हो या फिर मानव निर्मित।

Shiv murti

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