मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में की जनप्रतिनिधियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक
विकास कार्यों को दी गति
प्रयागराज (जनवार्ता) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सर्किट हाउस, प्रयागराज में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रयागराज और विंध्यांचल मंडल के सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्रों की समस्याओं, जन अपेक्षाओं और विकासात्मक प्राथमिकताओं पर विस्तृत संवाद किया। बैठक का उद्देश्य क्षेत्र-विशेष की चुनौतियों को समझकर समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण विकास सुनिश्चित करना था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज और विंध्यांचल मंडल उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पहचान के केंद्र हैं। इन क्षेत्रों का समग्र विकास राज्य की प्रगति को गति देगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) और धर्मार्थ कार्य विभाग को जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित सड़क, सेतु, रोड सेफ्टी, ब्लैक स्पॉट और धार्मिक कार्यों से संबंधित प्रस्तावों पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही, जनप्रतिनिधियों से प्राथमिकता के आधार पर प्रस्तावों को क्रमबद्ध कर उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्यमंत्री ने सिंगल कनेक्टिविटी वाली सड़कों और ब्लैक स्पॉट्स के सुधार को शत-प्रतिशत स्वीकृति देने पर जोर दिया। उन्होंने अधूरे कार्यों को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए। नगर विकास विभाग को परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने से पहले जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन लेने और कार्यों के शिलापट्ट पर जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित करने का निर्देश दिया।
बैठक में ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, लॉजिस्टिक्स हब, बाइपास, फ्लाईओवर, आरओबी/अंडरपास, सिंचाई अवसंरचना और पॉन्टून ब्रिज जैसे कार्यों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं भौगोलिक चुनौतियों को जोड़ने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देंगी।
पर्यटन से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में पर्यटन से जुड़े कई कार्य प्रगति पर हैं। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को प्राथमिकता देते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित किए जाएं, ताकि पर्यटन केंद्रों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से अपने क्षेत्रों में प्रस्तावित कार्यों की सतत निगरानी करने और स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप योजनाओं को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कार्यों की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होगा और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, राज्य मंत्री संजीव गोंड, महापौर प्रयागराज उमेश चंद्र गणेश केसरवानी, जिला पंचायत अध्यक्ष डा0 वीके सिंह सहित विंध्यांचल मंडल के जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर दिए गए प्रस्तावों पर शीघ्र सर्वे और निरीक्षण कर कार्यवाही की जाए, ताकि 15 सितंबर के बाद इन कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास किया जा सके।