एचडीएफसी बैंक की हुई इस क्लब में एंट्री,दुनिया के दिग्गजों में भारत का पहला नाम

एचडीएफसी बैंक की हुई इस क्लब में एंट्री,दुनिया के दिग्गजों में भारत का पहला नाम

नई दिल्ली। भारत के कॉरपोरेट जगत की सबसे बड़ी डील यानी एचडीएफसी बैंक के साथ एचडीएफसी का विलय पूरा हो चुका है। विलय के बाद सामने आई संयुक्त कंपनी के शेयरों के बाजार में लिस्ट होते ही यह सौदा पूरा हो गया। इसके साथ ही भारत के साथ-साथ ग्लोबल बैंकिंग में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिला।

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इतनी हो गई है नई वैल्यू
रॉयटर्स की एक खबर के अनुसार, नए शेयरों की लिस्टिंग के साथ ही एचडीएफसी बैंक दुनिया की उन चुनिंदा सूचीबद्ध कंपनियों में शामिल हो गई है, जिसकी मार्केट वैल्यू 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। खबर के अनुसार, सोमवार के शुरुआती कारोबार में एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप करीब 151 बिलियन डॉलर यानी 12.38 लाख करोड़ रुपये हो गया।

टॉप-10 में भारत का पहला नाम
रॉयटर्स के अनुसार, इसके साथ ही एचडीएफसी बैंक अब वैल्यू के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का 7वां सबसे बड़ा बैंक बन गया है। बैंकिंग जगत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दुनिया के 10 सबसे बड़े बैंकों में भारत से कोई नाम शामिल हुआ है। इस लिस्ट में अभी अमेरिका और चीन के बैंकों का दबदबा है।

दुनिया के सबसे बड़े बैंक
वैल्यूएशन के हिसाब से अभी दुनिया का सबसे बड़ा बैंक जेपी मॉर्गन चेस है,जिसकी वैल्यू 438 बिलियन डॉलर है। दूसरे स्थान पर 232 बिलियन डॉलर की वैल्यू के हिसाब से बैंक ऑफ अमेरिका और तीसरे स्थान पर 224 बिलियन डॉलर के साथ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल बैंक ऑफ चाइना है। वहीं 171 बिलियन डॉलर के साथ एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना चौथे, 163 बिलियन डॉलर के साथ वेल्स फार्गो पांचवें और 160 बिलियन डॉलर के साथ एचएसबीसी छठे स्थान पर है।

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इन ग्लोबल दिग्गजों से ऊपर
एचडीएफसी बैंक के बढ़े कद का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अब इसका साइज मॉर्गन स्टेनली और गोल्डमैन सैश जैसे ग्लोबल दिग्गजों से बड़ा हो गया है। मॉर्गन स्टेनली की मौजूदा बाजार वैल्यू 143 बिलियन डॉलर है, जबकि गोल्डमैन सैश का बाजार पूंजीकरण 108 बिलियन डॉलर है। मॉर्गन स्टेनली दुनिया के सबसे बड़े बैंकों की लिस्ट में आठवें स्थान पर है, जबकि गोल्डमैन सैश 15वें पायदान पर है। टॉप-10 की लिस्ट में चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक और बैंक ऑफ चाइना क्रमश: 9वें और 10वें स्थान पर हैं।

एसबीआई से मीलों आगे निकला
आपको बता दें कि एचडीएफसी बैंक इस सौदे से पहले ही भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक था,जबकि एचडीएफसी भारत का सबसे बड़ा मोर्टगेज लेंडर था। यह सौदा करीब 40 बिलियन डॉलर में हुआ और इसे भारत के कॉरपोरेट इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी डील बताया गया। सौदे के बाद एचडीएफसी बैंक भारत में अपने नजदीकी प्रतिस्पर्धी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मीलों आगे निकल गया है।

Shiv murti

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