लखीमपुर केस में कदम-कदम पर गलती कर रही पुलिस:पीड़िता का पता बताना अपराध

लखीमपुर केस में कदम-कदम पर गलती कर रही पुलिस:पीड़िता का पता बताना अपराध

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में 14 सितंबर को दो नाबालिग बहनों के शव पेड़ से लटकते हुए मिले। लड़कियों की उम्र 15 साल और 17 साल है। लड़कियों के परिवार का आरोप है कि दोनों लड़कियों को किडनैप करके रेप करने के बाद हत्या कर दी गई और शवों को पेड़ से लटका दिया गया। परिजनों ने इन दोनों लड़कियों की रेप और हत्या का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई है।

पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को हिरासत में लिया है और चार आरोपियों के खिलाफ IPC की धाराओं के तहत मर्डर और रेप और नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किए हैं। इस केस में लड़कियों की मां और परिजनों के बयान और पुलिस के बयानों में कई अंतर हैं।

कानूनी एक्सपर्ट का कहना है कि इस केस में रेप नहीं गैंगरेप और अपहरण का भी केस दर्ज होना बहुत जरूरी है। इस एक्सप्लेनर में हम बता रहे हैं कि वे कौन सी खामियां हैं,जो इस केस का रुख पलट सकती है?

FIR के अनुसार पीड़िता की मां का बयान
‘गांव के ही छोटू पुत्र चेतराम गौतम के साथ तीन अज्ञात लड़के, जिन्हें सामने आने पर मैं पहचान सकती हूं, जो मेरे घर पर अचानक आए और घर में घुसकर मेरी बेटियों पर झपटे और हाथापाई करके दोनों बेटियों को उठाने लगे और मेरे रोकने पर एक ने मुझे रोक लिया और लात मारकर मुझे गिरा दिया और उसके साथी दोनों बेटियों को जबरन मोटर साइकिल पर लादकर गांव के बाहर खेतों में उत्तर की तरफ लेकर चले गए। काफी देर तक ढूंढने के बाद गांव के उत्तर की तरफ अजय सिंह के खेत की मेड़ पर खैरी के पेड़ से लटकी हुई मेरी लड़कियों के शव मिले। जिससे प्रार्थिनी को पूर्ण विश्वास है कि मेरी दोनों नाबालिग बच्चियों के साथ रेप के बाद हत्या करके फांसी से बांधकर पेड़ की टहनी से लटका दिया गया है।’

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पुलिस का बयान
‘परिवार से तहरीर ली गई है। परिवार ने छोटू के खिलाफ नामजद शिकायत की। ये पीड़ित के गांव के पड़ोस का रहने वाला है। 3 अज्ञात लोगों का नाम दिया गया। जांच के बाद 3 नाम सामने आए। ये तीनों लोग जुनैद, सुहैल और हफीजुर्रहमान हैं।

छोटू, सुहैल और हफीजुर्रहमान को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया था। जुनैद को एक एनकाउंटर के बाद अभी कुछ देर पहले (सुबह 8 के करीब) गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके पैर में गोली लगी है। चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

छोटू पुत्र चेतराम ने इन तीन लड़कों को इन दोनों महिलाओं से परिचित करवाया। इन्होंने इनसे दोस्ती की। ये तीनों लड़के (सुहैल, हफीजुर्रहमान और जुनैद) कल दोपहर (बुधवार दोपहर) के समय मोटर साइकिल से गांव आए थे और लड़कियों को बहलाकर ले गए। इनको पहले खेत में ले गए। वहां इनकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाए। महिलाओं ने इनसे शादी करने की बात कही और जिद पर अड़ गईं। उन्होंने गुस्से में चुन्नी और दुपट्टे से गला कसकर लड़कियों की हत्या कर दी।

इसके बाद इन्होंने दो और लड़कों को फोन करके वहां बुलाया। इन दोनों लोगों के नाम हैं-करीमुद्दीन उर्फ डीडी और आरिफ उर्फ छोटे। ये सभी एक मुख्य गांव है लालपुर के रहने वाले हैं। इसी गांव का मजरा (बस्ती) है रसूखपुर (बदला हुआ नाम), जहां की ये पीड़िताएं रहने वाली हैं।

अब ये लड़के पांच हो गए थे। इन सभी लोगों ने मिलकर साक्ष्य मिटाने के लिए उन दोनों लड़कियों को फंदा बनाकर पेड़ से लटका दिया। अभी इतनी कहानी सामने आई है।”

छोटी लड़की की दोस्ती सोहेल से थी। और बड़ी लड़की की दोस्ती जुनैद से। दोस्ती हाल में ही हुई थी। इन दोनों ने ही शारीरिक संबंध बनाए थे।

फोर्सिबिल (बलपूर्वक) अपहरण नहीं हुआ था। लड़कियां स्वेच्छा से (मोटरसाइकिल) गई थीं।

  • संजीव सुमन, SP लखीमपुर खीरी
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पीड़िता की मां और पुलिस के बयानों को ध्यान से देखने पर कुछ बड़े अंतर नजर आते हैं:
दोनों बयानों में बड़ा अंतर क्या है?
परिवार ने कहा- गैंगरेप हुआ। पुलिस ने कहा- जिन लड़कों से दोस्ती थी, उन्हीं दो ने जबरन शारीरिक संबंध बनाए।

पुलिस ने इस केस में चार धाराओं के तहत केस दर्ज किया है:

IPC की धारा 302 यानी हत्या
IPC की धारा 376 यानी रेप
IPC की धारा 452-जबरन घर में घुसना।
पॉक्सो एक्ट सेक्शन 3/4-नाबालिग का यौन उत्पीड़न।

पूरे मामले को ध्यान से देखने पर दो मुख्य बातें सामने आती हैं:
पुलिस ने इस मामले में परिवार वालों के आरोप के बावजूद अपहरण और गैंगरेप का केस दर्ज नहीं किया है।

अपहरण और गैंगरेप का केस दर्ज नहीं होने से इस मामले की कानूनी स्थिति पर क्या फर्क पड़ेगा? इसके कानूनी पहलू जानने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता से बात की। एक-एक करके इस केस को लेकर उठ रहे हर सवाल का जवाब जानते हैं:

सवाल 1: अपहरण की धारा नहीं लगने से क्या फर्क पड़ेगा? लड़कियों के घर वालों का आरोप है कि अपहरण किया गया। पुलिस ने FIR में IPC की घारा 454 यानी जबरन घर में घुसने की धारा लगाई है?

जवाब: ‘किसी मामले में अगर घर में जबरन घुसने की एफआईआर दर्ज हो और उसके बाद रेप का मामला भी पुलिस मानती हो तो फिर अपहरण का मामला तो बनता ही है। ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता यानी लड़कियों की मां के आरोप के आधार पर FIR में अपहरण की धारा जोड़ी जानी चाहिए।’

‘अपहरण की धारा नहीं लगने से सजा में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन दूसरे आरोपों को सिद्ध करने में अभियोजन पक्ष (यानी पुलिस) को मुश्किल हो सकती है।’

सवाल 2:एक से ज्यादा लड़के घटना में शामिल थे, लेकिन गैंगरेप की धारा नहीं लगी है, इससे क्या फर्क पड़ेगा?

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जवाब: ‘जबरन घर में घुसने के समय दो से ज्यादा लोग थे और रेप के मामले में भी कई लोग शामिल थे। इस बारे में फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आरोपी लड़कों की जांच और बयान के बाद स्थिति स्पष्ट होगी लेकिन ऐसे मामलों में रेप के साथ गैंगरेप के तहत भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।’

सवाल 3: इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत भी केस दर्ज हुआ है, लेकिन SP ने पीड़िताओं के गांव का नाम बता दिया, पॉक्सो ऐक्ट के केस में पीड़िता के घर का पता उजागर करना कितना सही?

जवाब: ‘नाबालिग पीड़िता का नाम पता और विवरण उजागर करना पाक्सो एक्ट की धारा-23 और जे. जे. एक्ट की धारा-74 के तहत गलत है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होने के साथ उन्हें 6 महीने तक की सजा हो सकती है।’

सवाल 4: पुलिस के अनुसार-तीन लड़कों ने अपहरण किया, दो ने जबरन संबंध बनाए, तो क्या गैंगरेप की धारा लगनी चाहिए?

जवाब:‘अपहरण के बारे में मां के बयान के आधार पर FIR दर्ज हो सकती है। लेकिन जबरन सम्बन्ध और रेप के बारे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, अभियुक्त लड़कों के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर ही मामला आगे बढ़ेगा।’

सवाल 5:परिवार के अनुसार अपहरण में 4 लोग शामिल, पुलिस ने कहा- दो ने संबंध बनाए तो क्या बाकियों पर भी लग सकती है गैंगरेप की धारा?

जवाब:‘अपहरण में चार लोग शामिल थे और जबरन सम्बन्ध यानी रेप का आरोप दो लोगों पर है। लेकिन रेप के समय बाकी दो लोगों की उपस्थिति और अपराध में सहयोग रहा हो तो बाकि दो लोगों के खिलाफ भी गैंगरेप का मामला बन सकता है।

निर्भया मामले के बाद जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सन् 2013 में क्रिमिनल लॉज एमेंट्मेंट एक्ट आया था जिसमें रेप और गैंगरेप के बारे में सख्त प्रावधान बनाए गए थे।’

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