मद्रास हाई कोर्ट को देना पड़ा दखल,एसआईटी जांच के साथ ₹25 लाख मुआवजे का आदेश

मद्रास हाई कोर्ट को देना पड़ा दखल,एसआईटी जांच के साथ ₹25 लाख मुआवजे का आदेश

नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट ने चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में छात्रा के यौन शोषण के मामले में तमिलनाडु पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। HC ने कहा कि पुलिस ने एफआईआर में 19 साल की पीड़िता का नाम उजागर करके ‘गंभीर चूक’ की है। अदालत ने मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से कराने का निर्देश दिया है। साथ ही, राज्य की एमके स्टालिन सरकार से पीड़िता को 25 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने को कहा गया है। जस्टिस एसएम सुब्रमण्‍यम और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की बेंच ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह इंजीनियरिंग सेकंड ईयर की छात्रा और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए।

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एसआईटी की तीनों सदस्य महिला आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी होंगी। बेंच ने ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। अदालत ने कहा कि पीड़िता की पढ़ाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए और अन्ना विश्वविद्यालय को उससे फीस नहीं लेनी होगी। मद्रास HC ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार से घटना पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।

तमिलनाडु की राजधानी में स्थित अन्ना यूनिवर्सिटी परिसर में एक छात्रा के साथ बलात्कार का मामला सामने आया था। छात्रा अपने दोस्त के साथ एक खुले एरिया में बैठी हुई थी। दोनों को एक सुनसान जगह पर दो लोगों ने रोक लिया था। हमलावरों ने छात्र के साथ मारपीट की और छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था।

पुलिस ने इस मामले में 37 वर्षीय एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया था कि आरोपी की पहचान सड़क किनारे बिरयानी बेचने वाले ज्ञानशेखरन के रूप में हुई थी। बाद में कोट्टूरपुरम थाने में शिकायत दर्ज की गई और दोनों छात्रों को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले की निगरानी के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे थे। राजधानी के बीचों-बीच हुई इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।

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बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई ने मामले में पुलिस के रवैये को लेकर शुक्रवार को खुद को कोड़े मारकर विरोध जताया। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने राज्य पुलिस पर कथित यौन उत्पीड़न की पीड़ित छात्रा की पहचान जानबूझकर उजागर करने का आरोप लगाया। अन्नामलाई ने प्राथमिकी लिखे जाने के तरीके पर सवाल उठाया है और आरोप लगाया है कि इसे इस तरह से लिखा गया है जैसे कि पीड़ित ने कोई अपराध किया हो।

उच्च शिक्षा मंत्री गोवी चेझियान ने कहा कि कानून ने अपना काम किया और संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया तथा जांच जारी है। चेझियान ने शुक्रवार सुबह परिसर का निरीक्षण करने तथा अधिकारियों के साथ चर्चा करने के बाद चेन्नई में संवाददाताओं से कहा, ‘राज्य सरकार या मुझे इस घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोई आवश्यकता नहीं है और न ही हम उन लोगों को बढ़ावा देना चाहते हैं जिनके पास राजनीतिक मुद्दे नहीं हैं लेकिन वे लड़की की दुर्दशा पर राजनीति करने के लिए आतुर हैं।’

मंत्री ने कहा कि गिरफ्तार किया गया संदिग्ध बिरयानी की दुकान करता था और वह अपनी पत्नी को विश्वविद्यालय में छोड़ता था। संदिग्ध की पत्नी विश्वविद्यालय में अस्थायी कर्मचारी के रूप में काम करती थी।

Shiv murti

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