मां तू कैसे हो गई पत्थर दिल…

मां तू कैसे हो गई पत्थर दिल…

बरामनपुर स्थित तालाब में झोले से लिपटा मिला नवजात शिशु
मां की ममता हुई शर्मसार,हर किसी ने कोसा माता-पिता
जौनपुर। मां मेरी क्या गलती थी,आखिर मैं आपके कलेजे का टुकड़ा क्यों न बन सकी? मुझे भी आपके वात्सल्य की छांव का इंतजार था दुनिया देखनी थी। इतने दिन आपने मुझे गर्भ में रखा,जब आपकी गोद में किलकारियों का वक्त आया तो तालाब के किनारे फेंक दिया आपका तनिक भी कलेजा न कलपा? पापा ने भी आपको नहीं रोका। मेरी जान निकल रही थी, मगर आप में से कोई बचाने न आया। आखिर तू कैसे पत्थर दिल हो गई मां ?

rajeshswari

यह दर्द उस नवजात शिशु की है जिसको उसकी मां ने जन्म देकर मंगलवार को बरामनपुर गांव में स्थित पोखरे के किनारे झोले में भरकर छोड़ दिया था। नवजात को इस अवस्था में देख हर कोई इनके माता-पिता को कोस रहा था। लोगों का कहना था कि आज के दौर में बेटियां देश की शान बढ़ा रही हैं वहीं कुछ लोगों की ऐसी कारगुजारियां समूचे समाज के लिए अभिशाप बन रहा हैं।

मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण सुबह जब शौच के लिए पोखरे के किनारे पहुंचे तो नवजात शिशु के रोने की आवाज सुन अवाक रह गए इधर उधर देखा तो पोखरे के किनारे झोला पड़ा दिखा पास जाकर देखा तो एक नवजात को कपड़े में लपेट कर झोले में रखा गया है देखते ही देखते खबर आग की तरह फ़ैल गई लोगो की भीड़ इकट्ठा हो गई।भीड़ इकट्ठा देख पुलिस भी मौके पर पहुंच नवजात को कब्जे में लेकर उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरीबारी ले जाया गया।इस घटना से जहां शासन की मंशा बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान को ठेंगा दिखाया तो वही पूरी मानवता को शर्मसार करती घटना पूरे दिन क्षेत्र में चर्चा होती रही।आखिर नौ महीने जिस शिशु को मां अपने गर्भ में पालती है उस मां की ऐसी क्या मजबूरी होती है कि अपने ही शिशु को जन्म देने के बाद उसे झाड़ियों व सड़को के किनारे फेकने को मजबूर हो जाती है। क्या मां की ममता पर समाज की लोक लज्जा भारी पड़ रही है ? जो सर्व समाज को शर्मसार कर रही है।

इसे भी पढ़े   कच्ची शराब एवं बनाने वाला उपकरण के साथ एक अभियुक्त गिरफ्तार
Shiv murti

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *