भारत के इस राज्य के लोगों को नहीं देना होता Income Tax,जानिए वजह

भारत के इस राज्य के लोगों को नहीं देना होता Income Tax,जानिए वजह

नई दिल्ली। भारत में हर उस व्यक्ति को आयकर देना पड़ता है जिसकी आय एक निश्चित सीमा से अधिक होती है। फिलहाल,देश में दो प्रकार की कर प्रणाली है। एक है पुरानी कर प्रणाली और दूसरी है नई कर प्रणाली। बता दें कि पुरानी टैक्स व्यवस्था के मुताबिक 5 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।

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वहीं,नई टैक्स व्यवस्था के मुताबिक 7 लाख रुपये तक की आय वालों को टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। इन सबके बीच क्या आप जानते हैं कि देश में एक राज्य ऐसा भी है जहां लोगों को इनकम टैक्स के रूप में एक रुपया भी नहीं देना पड़ता है। आइए जानते हैं इस राज्य के बारे में-

इस लोगो नहीं देना पड़ता आयकर
जिस राज्य में लोगों को आयकर नहीं देना पड़ता उसका नाम सिक्किम है। देश के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित सिक्किम राज्य अपनी खूबसूरती के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है। इस राज्य के लोगों को करों का भुगतान करने से छूट प्राप्त है। खास बात यह है कि इस राज्य के 95 फीसदी लोगों को एक रुपया भी इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है।

इसका कारण यह है कि राज्य के भारत संघ में विलय के समय भारत सरकार ने राज्य के लोगों को कर में छूट प्रदान की थी। अनुच्छेद 371ए के तहत राज्य को विशेष दर्जा मिला हुआ है। जिससे दूसरे राज्यों के लोग इस राज्य में संपत्ति भी नहीं खरीद सकते हैं। वहीं, इस राज्य के मूल निवासियों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (26एएए) के तहत आयकर भुगतान से छूट प्राप्त है।

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पैन कार्ड के मामले में भी मिलता है डिस्काउंट
आयकर में छूट के साथ-साथ बाजार नियामक सेबी ने सिक्किम के निवासियों को पैन कार्ड के इस्तेमाल से भी छूट दी है। भारत के अन्य राज्यों के लोगों को शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है, लेकिन सिक्किम के लोग बिना पैन कार्ड के भी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं।

ज्ञात हो कि वित्त वर्ष 2022-23 और निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए नया आयकर रिटर्न फॉर्म अधिसूचित किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2023-24 के लिए नए आयकर रिटर्न फॉर्म के साथ आयकर रिटर्न की स्वीकृति को भी अधिसूचित किया है। हालांकि सीबीडीटी हमेशा इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म को वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अधिसूचित करता है, लेकिन इस बार वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले ही इसे अधिसूचित कर दिया गया है।

Shiv murti

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