बरथौली में बोरिंग घपला: अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही ने सरकार की मंशा पर लगा रहे पलीता
चोलापुर (जनवार्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों को सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता सरकार की इन मंशाओं पर पानी फेरती नज़र आ रही है। ऐसा ही एक मामला स्थानीय विकास खंड की ग्राम पंचायत बरथौली में सामने आया है, जहाँ बोरिंग प्रकरण में हुई अनियमितताओं ने ग्रामीणों का सरकारी व्यवस्था पर से भरोसा डगमगा दिया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम सचिवालय के पीछे कराई गई एक बोरिंग को काम शुरू होने के बाद छोड़ दिया गया और बाद में उसमें ईंट-पत्थर डालकर भर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि इस बोरिंग के लिए सबमर्सिबल पंप सहित अन्य सामान का भुक्तान भी करा लिया गया था। इससे ग्रामीणों में गुस्सा है, जो सरकारी धन की बर्बादी और अनियमितताओं पर सवाल उठा रहे हैं।वहीं ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के बयानों में बड़ा अंतर सामने आया। वहीं ग्राम प्रधान ने इसे अपने कार्यकाल से पहले का मामला बताते हुए कहा, मुझे सिर्फ इतना पता है कि सबमर्सिबल सहित सामान खरीदा गया था, लेकिन उसका क्या हुआ, यह कोई नहीं जानता। वहीं, ग्राम सचिव ने इसे दो महीने पहले की घटना बताते हुए कहा, बोरिंग बैठ गई थी, इसलिए दूसरा बोरिंग कराया जाएगा।इन विरोधाभासी बयानों के बीच जब मामला प्रशासन के संज्ञान में आया, तो एडीओ पंचायत प्रभारी आनंद सील अंबेडकर ने कहा कि यदि किसी भी स्तर पर अनियमितता पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।