सेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग आज से हुई शुरू,जानिए कहां बना है पहला बैच

सेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग आज से हुई शुरू,जानिए कहां बना है पहला बैच

नई दिल्ली। अग्निपथ स्कीम के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में अब सेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। बता दें कि अब अगले छह महीने तक इन सभी अग्निवीरों को कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होगा। इस नई रक्षा भर्ती योजना की नीति के मुताबिक,अग्निवीरों का पहला बैच हैदराबाद में अपना प्रशिक्षण कर रहा है।

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वहीं आपको ये याद ही होगा जब जून 2022 में इस योजना की घोषणा की गई तो भारत के तमाम शहरों में हिंसा की कई घटनाएं हुईं थी, जिसको देखते हुए अग्निपथ स्कीम योजना को लेकर काफी बहस चली।

हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने अग्निवीरों को काम पर रखने की प्रक्रिया जारी रखी और 18-23 वर्ष आयु वर्ग के 19000 सेना में भर्ती अग्निवीरों का पहला बैच 3 जनवरी, मंगलवार को देश भर के कई स्थानों पर प्रशिक्षण में शामिल हुआ। रिपब्लिक टीवी आपके लिए हैदराबाद के आर्टिलरी सेंटर की ग्राउंड रिपोर्ट लेकर आया है, जहां अग्निवीरों ने 31 सप्ताह के प्रशिक्षण की शुरुआत की।

मशीनी परिचालन पर आधारित ‘अग्निवीर प्रशिक्षण’
प्रशिक्षण पद्धति के बारे में जानकारी देने वाले वरिष्ठ रक्षा कर्मियों ने कहा कि,“प्रशिक्षण अब स्वचालन यानि ऑटोमेशन पर आधारित है। इस दौरान हम विभिन्न उपकरणों और स्वचालित प्रक्रियाओं का उपयोग कर रहे हैं।

आपको बता दें कि पिछले साल यानि जून 2022 में सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम को लागू किया था। अब सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए यही एकमात्र योजना है। इस अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा। ये सभी अग्निवीर चार साल के लिए सेना में भर्ती होंगे। चार साल की सेवाओं के बाद समीक्षा की जाएगी।

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समीक्षा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीर ही सेना में आगे अपनी सेवाएं दे पाएंगे और बाकी 75 प्रतिशत को रिटायर कर दिया जाएगा। चार साल के बाद जो अग्निवीर सेना में सेवाएं देगा वही सैनिक कहलाया जाएगा।

इसके अलावा भारतीय सेना के मुताबिक,अग्निपथ स्कीम के तहत पहले साल यानि (2022-23) में कुल 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। माना जा रहा है कि अगले 10 साल यानि 2032 में भारतीय सेना में 50 प्रतिशत अग्निवीर होंगे और बाकी 50 प्रतिशत नियमित सैनिक होंगे।

Shiv murti

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