राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संत डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन
अयोध्या/रीवा । राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ और पूर्व भाजपा सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। रीवा में रामकथा महोत्सव में भाग लेने गए थे, जहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

डॉ. वेदांती 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन की महत्वपूर्ण कड़ी थे। वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ और महंत रामचंद्र परमहंस जैसे संतों के साथ आंदोलन में सक्रिय रहे। उन्होंने आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। भाजपा के टिकट पर वे 1996 और 1998 में दो बार सांसद चुने गए थे।
उनके निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया। एक्स पर पोस्ट में सीएम योगी ने लिखा, “श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।”
डॉ. वेदांती का पार्थिव शरीर देर शाम अयोध्या पहुंचेगा। मंगलवार सुबह उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई प्रमुख संत और नेता शामिल होने की संभावना है। संत समाज और राजनीतिक जगत में उनके निधन से शोक की लहर है।

