गाजीपुर: थानाध्यक्ष समेत 6 पुलिसकर्मी निलंबित, 5 लाइन हाजिर

गाजीपुर: थानाध्यक्ष समेत 6 पुलिसकर्मी निलंबित, 5 लाइन हाजिर

गाजीपुर  (जनवार्ता): उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में पुलिस की कथित बर्बरता ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। नोनहरा थाना क्षेत्र के ग्राम चकरुकुन्दीपुर निवासी 35 वर्षीय BJP कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय उर्फ जोखू उपाध्याय की पुलिस लाठीचार्ज में लगी चोटों के कारण आज मौत हो गई। इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों और परिवार वालों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए थाना नोनहरा के प्रभारी निरीक्षक समेत 6 पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया, जबकि 5 को लाइन हाजिर किया गया। साथ ही, मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

घटना का विवरण: धरना से लाठीचार्ज तक

जानकारी के अनुसार, मंगलवार की रात को ग्राम गठिया में बिजली के खंभे लगाने के विरोध में ग्रामीणों और BJP कार्यकर्ताओं ने नोनहरा थाने पर शांतिपूर्ण धरना शुरू किया था। आरोप है कि थाने की लाइटें बंद कर पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर अचानक लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान दिव्यांग सियाराम उपाध्याय को विशेष रूप से निशाना बनाया गया, जो भाग नहीं पाए। परिवार का दावा है कि थाने में ले जाकर 20-30 पुलिसकर्मियों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनका पूरा शरीर चोटों से काला पड़ गया। किसी तरह घर पहुंचे सियाराम का दो दिनों तक इलाज चला, लेकिन गुरुवार सुबह उनकी सांसें थम गईं।

मृतक के पिता गिरजा उपाध्याय ने रोते हुए कहा, “मेरा बेटा दिव्यांग था, फिर भी पुलिस ने बिना रहम के पीटा। हम न्याय चाहते हैं।” मां भागीरथी देवी ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा, “हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। दोषियों को सजा दो।” भाभी सुनीता ने भी अफसरशाही की कड़ी निंदा की।

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पुलिस की समीक्षा और कार्रवाई

गुरुवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) वाराणसी वैभव कृष्ण ने थाना नोनहरा का दौरा किया और पुलिस अधीक्षक (SP) गाजीपुर डॉ. ईरज राजा के साथ घटना की समीक्षा की। SP ने मृतक के घर जाकर परिजनों से बात की और आश्वासन दिया। कुल 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। निलंबित पुलिसकर्मियों में प्रभारी निरीक्षक वेंकटेश तिवारी, उप निरीक्षक अवधेश कुमार राय, मुख्य आरक्षी नागेंद्र सिंह यादव, आरक्षी धीरज सिंह, आरक्षी अभिषेक पांडेय और आरक्षी राकेश कुमार शामिल हैं। वहीं, लाइन हाजिर किए गए पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक कमलेश गुप्ता, उप निरीक्षक जुल्फिकार अली, आरक्षी मुलायम सिंह, आरक्षी राघवेंद्र मिश्रा और आरक्षी राजेश कुमार हैं।

SP ने जिलाधिकारी को मजिस्ट्रियल जांच के लिए पत्र भेजा है। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। BJP कार्यकर्ताओं ने घटना की निंदा की है और कहा कि यह प्रदेश पुलिस की मनमानी का उदाहरण है।

ग्रामीणों का आक्रोश, गांव में तनाव

मौत की खबर फैलते ही चकरुकुन्दीपुर और आसपास के गांवों में सन्नाटा पसर गया। ग्रामीणों ने SP के पहुंचने पर भारी विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें वापस भेज दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें पुलिस की पिटाई के दृश्य दिखाए जा रहे हैं। एक वीडियो में ग्रामीण चिल्ला रहे हैं, “कातिल हैं पुलिसवाले… न्याय दो!”

यह घटना बाराबंकी में हाल ही में हुई पुलिस पिटाई की घटना के बाद आई है, जिससे उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। परिजनों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो। पुलिस ने शांति बनाए रखने की अपील की है।

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