फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले 8 सदस्य गिरफ्तार
अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़
लखनऊ (जनवार्ता): उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बड़े अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए फर्जी आधार कार्ड और भारतीय दस्तावेज तैयार करने वाले 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के मुख्य सरगना मोहम्मद नसीम सहित अन्य अभियुक्तों को आजमगढ़, गोरखपुर, मऊ, औरैया और अन्य क्षेत्रों से पकड़ा गया। गिरोह अवैध रूप से रोहिंग्या, बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिकों के लिए फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज तैयार करता था।
एटीएस को कई महीनों से सूचना मिल रही थी कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, गोरखपुर, सहारनपुर, मऊ, औरैया के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद, कोलकाता और बिहार के लखीसराय, कटिहार व दिल्ली एनसीआर में कुछ जन सेवा केंद्रों के माध्यम से फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। ये केंद्र वीपीएन और रिमोट सिस्टम का उपयोग कर बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य अपात्र व्यक्तियों के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। इन दस्तावेजों का उपयोग पासपोर्ट बनवाने और सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठाने में किया जा रहा था।
एटीएस की जांच में पता चला कि यह गिरोह आर्थिक लाभ के लिए दलालों के जरिए उन लोगों से संपर्क करता था, जिनके पास कोई भारतीय दस्तावेज नहीं थे या जो जन्मतिथि जैसे रिकॉर्ड में बदलाव चाहते थे। इसके लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र तैयार किए जाते थे।
दो दिनों पूर्व लखनऊ के एटीएस थाने में इस गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। अब तक 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें मोहम्मद नसीम, मोहम्मद शाकिब, हिमांशु राय, सलमान अंसारी, गौरव कुमार गौतम, राजीव तिवारी, विशाल कुमार और मृत्युंजय गुप्ता शामिल हैं। इनके कब्जे से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, फिंगर स्कैनर, लैपटॉप, मोबाइल फोन और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
एटीएस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अनुरोध किया जाएगा, ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का पता लगाया जा सके। विभिन्न जिलों में दबिश और सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी हैं।