लखनऊ: फैंसीडिल कफ सिरप की अवैध तस्करी करने वाले दो भाइयों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
लखनऊ (जनवार्ता)। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कोडीन युक्त फैंसीडिल कफ सिरप को नशे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अवैध रूप से भंडारण और व्यापार करने के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए सहारनपुर के दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा पुत्र बृजमोहन शर्मा निवासी कपिल विहार, सदर बाजार, सहारनपुर के रूप में हुई है। दोनों भाई गुरुवार सुबह आलमबाग मवैया रोड पर टेढ़ी पुलिया तिराहे के पास से गिरफ्तार किए गए।
पुलिस ने इनके पास से 2 मोबाइल फोन और फर्जी फर्मों से जुड़े 31 दस्तावेज बरामद किए हैं।
एसटीएफ के अनुसार, ये दोनों भाई दिल्ली आधारित फार्मास्यूटिकल कंपनी एबॉट की फैंसीडिल कफ सिरप को फर्जी फर्मों के जरिए कागजों में उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दवा दुकानों को बेचने का दिखावा करते थे, जबकि असल में पूरा माल बांग्लादेश तस्करी के लिए मालदा (पश्चिम बंगाल), त्रिपुरा आदि रास्तों से भेजा जाता था।
पुछताछ में अभिषेक शर्मा ने खुलासा किया कि वह 2019 से इस धंधे में शामिल था और पहले विशाल सिंह व विभोर राणा की फर्म जीआर ट्रेडिंग में काम करता था। बाद में मारुति मेडिकोज (भगवानपुर, रुड़की) और दिल्ली में एबी फार्मास्यूटिकल्स जैसी कई फर्जी फर्मों के जरिए यह अवैध कारोबार चल रहा था। उसने बताया कि अप्रैल 2024 में भी लखनऊ में एसटीएफ ने इनका एक बड़ा खेप पकड़ा था।
हाल ही में 11 नवंबर को विशाल सिंह, विभोर राणा, सचिन कुमार और बिट्टू कुमार को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद ये दोनों भाई फरार हो गए थे और अंबाला में छुपकर रह रहे थे।
दोनों भाइयों के खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मुकदमा संख्या 182/2024 पहले से दर्ज है। अभिषेक शर्मा का गाजियाबाद में भी एनडीपीएस एक्ट और धोखाधड़ी का केस दर्ज है।
एसटीएफ ने बताया कि इस नेटवर्क से जुड़े पश्चिम बंगाल के दो अन्य तस्करों की तलाश की जा रही है। पूरे मामले में फर्जी फर्मों की संख्या 65 से ज्यादा बताई जा रही है।
कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी युवाओं में नशे की लत के लिए जिम्मेदार मानी जाती है और बांग्लादेश इसका सबसे बड़ा बाजार है। एसटीएफ की यह कार्रवाई नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने की दिशा में बड़ा झटका मानी जा रही है।

