देश का डिजिटल डेटा कलेक्शन बनेगा साइबर अपराध रोकने का हथियार
लखनऊ (जनवार्ता) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज (UPIFS) में चल रहे तीन दिवसीय सेमिनार के दूसरे दिन साइबर अपराध, डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े खतरों पर गहन चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि डार्क वेब अब डेटा चोरी, मानव तस्करी, ड्रग्स तस्करी और हिंसक अपराधों का अड्डा बन चुका है। वहीं, 90 प्रतिशत साइबर अपराध क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो चुके हैं।
डीआईजी साइबर सेल पवन कुमार ने कहा कि योगी सरकार कानून प्रवर्तन संस्थाओं को हाइटेक प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरण उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग भविष्य में साइबर अपराधों पर रोकथाम के बड़े हथियार होंगे।
विशेषज्ञों ने यह भी माना कि भारत का नया डिजिटल डेटा संरक्षण कानून इन अपराधों पर लगाम लगाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा और वैश्विक सहयोग के साथ ही इस चुनौती पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।