यूपी में घुसपैठ रोकने के लिए फूलप्रूफ प्लान तैयार
लखनऊ (जनवार्ता) | प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर सख्ती बढ़ाने के लिए एक व्यापक और तकनीक आधारित रणनीति तैयार की है। योजना का उद्देश्य घुसपैठ को पूरी तरह रोकना और पकड़े गए घुसपैठियों की ऐसी डिजिटल प्रोफाइल बनाना है, जिससे वे भविष्य में पहचान बदलकर प्रदेश में दोबारा प्रवेश न कर सकें।

हाई-सिक्योरिटी डिटेंशन सेंटर: “परिंदा भी पर न मार सके”
राज्य में तैयार हो रहे डिटेंशन सेंटरों को अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इन्हें इतनी कड़ी सुरक्षा के साथ विकसित किया जा रहा है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि असंभव हो। यहां रखे जाने वाले विदेशी नागरिकों की हर गतिविधि पर 24×7 निगरानी रहेगी।
घुसपैठियों की पूरी बायोमैट्रिक प्रोफाइल बनेगी
सरकार पकड़े गए प्रत्येक घुसपैठिए की विस्तृत बायोमैट्रिक प्रोफाइल तैयार करेगी। इसमें शामिल होंगे—
फिंगरप्रिंट
फेस रिकग्निशन डेटा
डिजिटल पहचान विवरण
इन सभी नामों को एक निगेटिव लिस्ट में दर्ज कर देशभर की एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि यदि कोई व्यक्ति दोबारा सीमा पार कर भारत में प्रवेश की कोशिश करे, तो उसे तुरंत पकड़ा जा सके।
सीएम योगी के निर्देश: ऑपरेशन को तकनीक-आधारित बनाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उच्चस्तरीय बैठक में संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि विदेशी घुसपैठियों की पहचान, सत्यापन और जांच की प्रक्रिया को पूरी तरह तकनीक-आधारित बनाया जाए।
आधुनिक तकनीक से ऐसे सभी दस्तावेज़ स्कैन किए जाएंगे जो फर्जी होने की आशंका में हों। इस सिस्टम की मदद से यह पता लगाया जाएगा कि घुसपैठिया कब से प्रदेश में रह रहा था और उसने नकली भारतीय पहचान पत्र या अन्य सरकारी दस्तावेज़ कैसे हासिल किए।
फर्जी दस्तावेज़ बनाने वाले नेटवर्क पर शिकंजा
सरकार का फोकस सिर्फ घुसपैठियों तक सीमित नहीं रहेगा। जांच में यदि फर्जी दस्तावेज़ तैयार कराने वाले किसी नेटवर्क या गिरोह का नाम सामने आता है, तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

