किसानों की परेशानी पर संगठन हुआ सक्रिय
सोनभद्र (जनवार्ता)। विकास खंड नगवां क्षेत्र में धान खरीद को लेकर परेशान किसानों की शिकायत पर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ हरकत में आ गया है। किसानों का आरोप है कि केंद्र प्रभारी उनके धान को “मोटा” बताकर खरीदने से मना कर रहे हैं, जिससे वे मजबूरी में औने- पौने दामों पर उपज बेचने को विवश हो गए हैं।


संयोजक चंद्र भूषण पांडे ने किया निरीक्षण
किसानों की समस्या सुनने के बाद महासंघ के प्रदेश संयोजक चंद्र भूषण पाण्डेय, जिला संयोजक संतोष कुमार, पारस मौर्य, राज नारायण, बलिराम सिंह और लालमणि सिंह सहित कई पदाधिकारी नगवां के विभिन्न खरीद केंद्रों पर पहुंचे। टीम ने वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और केंद्रों पर चल रही धान खरीद प्रक्रिया की वास्तविक स्थिति जानी।
अधिकारियों से मिला आश्वासन, फिर भी केंद्रों की स्थिति चिंताजनक
पांडे व अन्य पदाधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों से वार्ता की, जिसके बाद उन्हें बताया गया कि मसूरी, अमन के साथ-साथ हाइब्रिड धान की खरीद भी की जाएगी। इसके बावजूद पीसीएफ और पीसीओ केंद्रों पर खरीद व्यवस्था संतोषजनक नहीं मिली। आंकड़ों के अनुसार कई केंद्रों पर हाइब्रिड धान अब भी नहीं लिया जा रहा है और किसानों को साफ मना किया जा रहा है।
किसान मजबूर, समर्थन मूल्य की जगह औने–पौने दाम पर बिक्री
स्थिति यह है कि किसान 14 से 16 रुपये किलो के बीच अपना धान बेचने को मजबूर हैं। प्रदेश संयोजक पांडे ने अधिकारियों से पूछा कि इतने कम दाम पर किसानों से खरीदा गया धान आखिर जा कहां रहा है। उनका आरोप है कि कुछ केंद्र प्रभारी व्यापारियों से मिलकर गोपनीय रूप से धान की अवैध खरीद–फरोख्त में लगे हैं, जबकि सरकार समर्थन मूल्य पर अधिकतम खरीद का दावा करती है।
खरीद नहीं सुधरी तो होगा बड़ा आंदोलन
प्रदेश संयोजक पांडे ने चेतावनी दी कि यदि धान खरीद प्रक्रिया सुचारू नहीं की गई तो किसान बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के शोषण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

