सोनभद्र खनन संकट: 37 खदानें बंद, मजदूर बेरोजगार, गिट्टी के दाम दोगुने
सोनभद्र (जनवार्ता)। 15 नवंबर को खदान हादसे में सात मजदूरों की मौत के बाद 37 पत्थर खदानों पर लगी रोक से जिले का खनन व्यवसाय ठप हो गया है। हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए, व्यवसायियों की पूंजी फंसी और सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा। गिट्टी की कमी से दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे मकान निर्माण और सरकारी परियोजनाएं प्रभावित हैं।


आज प्रदेश खनन निदेशक माला श्रीवास्तव पहली बार हादसे के बाद सोनभद्र पहुंचीं। सर्किट हाउस में डीएम सहित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, वे हादसे वाली और अन्य खदानों की सुरक्षा जांच कर सकती हैं। खनन से जुड़े लोग इस दौरे से रोक हटने की उम्मीद लगाए हैं।
खनन बंदी से दिहाड़ी मजदूरों की रोजी-रोटी छिनी, ट्रांसपोर्टर और क्रशर संचालक आर्थिक संकट में हैं। निर्माण सामग्री महंगी होने से आम जनता और विकास कार्य प्रभावित। अब निगाहें निदेशक के फैसले पर टिकी हैं कि खदानें कब शुरू होंगी।

