14 लाख की ईनामी महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
19 की उम्र में थामा था हथियार

बालाघाट (जनवार्ता) |मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। 14 लाख रुपये की ईनामी महिला नक्सली सुनीता सियाम ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। महज 19 साल की उम्र में माओवादियों के संगठन से जुड़ी सुनीता अब समाज की मुख्यधारा में लौट आई है।
मिशन 2026 के बीच नक्सल संगठन हो रहे बिखराव के शिकार
राज्य सरकार के मिशन 2026 की डेडलाइन नजदीक आने के साथ ही माओवादी संगठन लगातार कमजोर पड़ते जा रहे हैं। सुनीता का आत्मसमर्पण इसी बदलते दौर की एक अहम मिसाल बन गया है।
पुलिस की रणनीति आई काम
बीते कुछ हफ्तों से बालाघाट पुलिस नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार बैनर और पोस्टर के जरिए आत्मसमर्पण के लिए अभियान चला रही थी। इन पोस्टरों में पहले सरेंडर कर चुके शीर्ष माओवादी नेताओं की तस्वीरें और उनके संदेश शामिल थे। पुलिस की यह रणनीति आखिरकार रंग लाई।
1 नवंबर की सुबह, 22 वर्षीय सुनीता सियाम, पिता बिसरु सियाम, ने पितकोना चौकी के चौरिया कैंप में आत्मसमर्पण किया। उसने अपनी INSAS राइफल, तीन मैगजीन, वर्दी और पिट्टू बैग पुलिस के हवाले किए।
2022 में हुई थी माओवादी संगठन में भर्ती
एमएमसी जोन की हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली सुनीता ने साल 2022 में माओवादी संगठन का दामन थामा था। छत्तीसगढ़ के माड क्षेत्र में छह महीने का प्रशिक्षण लेने के बाद उसने सीसी मेंबर रामदेर के गार्ड के रूप में काम किया।
पुनर्वास नीति 2023 के तहत पहला आत्मसमर्पण
सुनीता का आत्मसमर्पण मध्य प्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के अंतर्गत पहला मामला है। यह भी उल्लेखनीय है कि 1992 के बाद पहली बार किसी अन्य राज्य के सशस्त्र नक्सली कैडर ने मध्य प्रदेश शासन के सामने सरेंडर किया है।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सुनीता के आत्मसमर्पण पर पुलिस बल को बधाई देते हुए कहा कि,
> “नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने पहले भी कई बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार मिशन 2026 के तहत पूरी तरह सजग है।”

