छत्तीसगढ़ : 13 महिलाओं समेत 21 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
AK-47, इंसास-SLR सहित 18 ऑटोमैटिक हथियार किए सुरक्षाबलों के सामने जमा

छत्तीसगढ़ (जनवार्ता) : कांकेर जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। रविवार को 13 महिलाओं सहित 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों ने AK-47, इंसास-SLR सहित 18 ऑटोमैटिक हथियार सुरक्षाबलों के सामने जमा किए। यह केंद्र और राज्य सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का सकारात्मक परिणाम है, जो 2026 तक देश को नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली केशकाल डिवीजन की कुएमारी/किस्कोडो एरिया कमेटी से जुड़े थे, जिनमें 4 डिवीजनल कमेटी सदस्य, 9 एरिया कमेटी सदस्य और 8 पार्टी सदस्य शामिल थे। इनमें डिवीजन कमेटी सचिव मुकेश जैसे प्रमुख नक्सली नेता भी थे। सरेंडर समारोह बस्तर रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में अंतागढ़ में हुआ, जहां नक्सलियों को संविधान की प्रति और गुलाब का फूल भेंट किया गया। बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि यह ‘पूना मार्गेम’ कार्यक्रम का हिस्सा है, जो नक्सलियों को हिंसा छोड़कर समाज में पुनर्वासित करने का प्रयास करता है।
जमा किए गए हथियारों में 3 AK-47, 4 SLR, 2 इंसास, 6 .303 राइफलें, 2 सिंगल शॉट राइफलें और 1 बैरल ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं। ये हथियार नक्सलियों की अबूझमाड़ क्षेत्र में सक्रियता का प्रमाण हैं और इनके सरेंडर से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ के तहत वित्तीय सहायता, रोजगार प्रशिक्षण, घर निर्माण के लिए मदद और कानूनी सुरक्षा दी जाएगी। अक्टूबर 2025 से अब तक 250 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जो नक्सलवाद के कमजोर होने का संकेत है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। सुरक्षाबलों के अभियान और सरेंडर नीतियों से बस्तर और कांकेर जैसे क्षेत्र नक्सली प्रभाव से मुक्त हो रहे हैं। आईजी सुंदरराज ने अन्य नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है।

