अफगानिस्तान में भूकंप से 1400 से अधिक मौतें

अफगानिस्तान में भूकंप से 1400 से अधिक मौतें

तालिबान ने मांगी वैश्विक मदद, भारत ने भेजी राहत सामग्री

काबुल (जनवार्ता): अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में रविवार देर रात आए 6.0 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के अनुसार, मरने वालों की संख्या 1,411 हो गई है, जबकि 3,250 से अधिक लोग घायल हैं। सबसे अधिक प्रभावित कुनार प्रांत रहा, जहां 610 लोगों की मौत हुई, वहीं नंगरहार में 12 लोगों ने जान गंवाई।

भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, मात्र 8 किलोमीटर की गहराई पर था, जिसके कारण नुकसान व्यापक हुआ। कई गांव पूरी तरह तबाह हो गए, और भूस्खलन ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे बचाव कार्यों में बाधा आई। स्थानीय निवासियों और सैन्य बचाव दलों ने मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात काम किया, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाकों ने चुनौतियां बढ़ाईं।


तालिबान ने वैश्विक समुदाय से तत्काल सहायता की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान ने कहा, “हमें मदद की सख्त जरूरत है, क्योंकि कई लोग अपनी जान और घर गंवा चुके हैं।” संयुक्त राष्ट्र ने 50 लाख डॉलर के आपातकालीन कोष की घोषणा की है, और भारत, चीन, ब्रिटेन, और स्विटजरलैंड सहित कुछ देशों ने सहायता का वादा किया है। नरेंद्र मोदी ने भूकंप से प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा, “भारत हर संभव मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।” भारत ने तत्काल 1,000 पारिवारिक टेंट काबुल भेजे और 15 टन खाद्य सामग्री कुनार प्रांत के लिए रवाना की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से बात कर और राहत सामग्री भेजने का आश्वासन दियअफगानिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट और मानवीय चुनौतियों से जूझ रहा है। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अंतरराष्ट्रीय सहायता में भारी कमी आई है, और हाल ही में ईरान और पाकिस्तान से लाखों अफगानों की जबरन वापसी ने स्थिति को और जटिल किया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, देश की आधी से अधिक आबादी को मानवीय सहायता की जरूरत है।

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कुनार के नूर गुल, सोकी, वटपुर, मनोगी, और चापा दारा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। मazar वैली के कई गांव भूस्खलन में दब गए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बच्चे, बुजुर्ग और युवा मलबे में फंसे हैं, और उन्हें तत्काल चिकित्सा, भोजन, और आश्रय की जरूरत है। बचाव कार्यों में हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन संसाधनों की कमी और बुनियादी ढांचे की कमजोरी ने राहत कार्यों को मुश्किल बना दिया है।
अफगानिस्तान हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में स्थित है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों का संगम होता है। यह क्षेत्र भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। 2022 में आए 6.1 तीव्रता के भूकंप में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे, और 2023 में 6.3 तीव्रता के भूकंप ने हजारों लोगों को प्रभावित किया था।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और सहायता की उम्मीद है, लेकिन तालिबान की नीतियों, विशेष रूप से महिलाओं और सहायता कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंधों के कारण, कई देश सहायता देने में हिचक रहे हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि अफगानिस्तान के जमे हुए फंड को आपातकालीन राहत के लिए उपयोग में लाया जाए।

यह भूकंप अफगानिस्तान के लिए एक और बड़ी त्रासदी है, और वैश्विक समुदाय की त्वरित प्रतिक्रिया प्रभावित लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकती है।

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