1 करोड़ का इनामी मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर माडवी हिडमा ढेर
पत्नी समेत 6 नक्सली मारे गए

रायपुर : नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को मंगलवार ऐतिहासिक सफलता हाथ लगी है। आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली जंगलों में छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर हुई मुठभेड़ में देश के सबसे खूंखार नक्सली कमांडर माडवी हिडमा उर्फ संतोष को मार गिराया गया। हिडमा पर केंद्र सरकार की ओर से 45 लाख और राज्य सरकार की ओर से 55 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जो कुल 1 करोड़ रुपये होता था। इस मुठभेड़ में उसकी दूसरी पत्नी राजे उर्फ राजक्का (40 लाख की इनामी) समेत कुल 6 नक्सली मारे गए। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है।
मुठभेड़ सुबह 6 से 7 बजे के बीच हुई, जब आंध्र प्रदेश की ग्रेहाउंड फोर्स, छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य केंद्रीय बलों ने संयुक्त अभियान चलाया। खुफिया इनपुट के आधार पर हिडमा और उसके साथी छत्तीसगढ़ से भागकर आंध्र-तेलंगाना-ओडिशा त्रिकोणीय सीमा पर शरण लेने की कोशिश कर रहे थे। गोलीबारी में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के हथियार, विस्फोटक और अन्य सामग्री भी बरामद की। घटनास्थल पर सर्च ऑपरेशन जारी है, और कोई सुरक्षाकर्मी हताहत नहीं हुआ।
हिडमा कौन था? नक्सलवाद का ‘मास्टरमाइंड’
– पृष्ठभूमि: 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती गांव (मुरिया आदिवासी समुदाय) में जन्मे हिडमा ने 1996 में मात्र 16 साल की उम्र में माओवादी संगठन में प्रवेश किया। 10वीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद वह जंगल की ओर बढ़ा और धीरे-धीरे सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य बन गया। वह पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर-1 का कमांडर था, जो दंडकारण्य क्षेत्र का सबसे घातक इकाई मानी जाती थी।
– *कुख्यात अपराध*: हिडमा कम से कम 26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था, जिनमें सैकड़ों सुरक्षाकर्मी और नागरिक मारे गए। प्रमुख घटनाएं:
– 2010 दंतेवाड़ा हमला: 76 सीआरपीएफ जवानों की हत्या।
– 2013 झीरम घाटी नरसंहार: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्रचार समिति के 27 सदस्यों की हत्या, जिसमें महेंद्र कर्मा और नंद कुमार पटेल जैसे नेता शामिल थे।
– 2021 सुकमा-बीजापुर हमला: 22 सुरक्षाकर्मियों की शहादत।
– अन्य: दंतेवाड़ा, दरभा घाटी और बीजापुर में कई घात लगाकर हमले।
– रहस्यमयी छवि: हिडमा का चेहरा सालों तक अज्ञात रहा। इस साल पहली बार उसकी फोटो सामने आई। वह जंगलों में गुरिल्ला युद्ध की रणनीति का विशेषज्ञ था और युवाओं को भर्ती करने में माहिर। एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हिडमा को ‘लाल आतंक’ का पर्याय माना जाता था।
अन्य मारे गए नक्सली
– टेक शंकर: 25 लाख का इनामी, दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी का सदस्य (एसजेडसीएम)। मुठभेड़ में ही ढेर।
– अन्य 4 नक्सली: हिडमा की पत्नी राजे के अलावा बाकी की पहचान बस्तर डिवीजन के सदस्यों के रूप में हो रही है। कुल इनामी राशि 2 करोड़ से अधिक।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और महत्व
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली और इसे नक्सलवाद के खिलाफ ‘मील का पत्थर’ बताया। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा, “यह बस्तर में नक्सलवाद की ‘ताबूत में आखिरी कील’ है।” सुकमा जिले में हिडमा के मारे जाने की खबर पर स्थानीय लोगों ने आतिशबाजी की। विशेषज्ञों का मानना है कि हिडमा का खात्मा माओवादी नेटवर्क को गहरा झटका देगा, खासकर दंडकारण्य क्षेत्र में।
पिछले दो वर्षों में सुरक्षाबलों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान तेज किया है, जिससे संगठन कमजोर हुआ है। यह घटना 30 नवंबर तक हिडमा को पकड़ने की अमित शाह की डेडलाइन से 12 दिन पहले की सफलता है।

