200 फीट गहरे बोरवेल में गिरने से किशोर की मौत,चचेरे भाई ने भी दांव पर लगाई जान
वाराणसी। वाराणसी के पिंडरा क्षेत्र के बिंदा गांव में जल निगम की ओर से खोदे गए 200 फीट गहरे बोरवेल में गिरने से बुधवार शाम अनिकेत यादव (13) की मौत हो गई। वह अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए बोरवेल के पास पहुंचा था। 70 फीट नीचे पानी में अटके अनिकेत को उसके चचेरे भाई धर्मेंद्र ने रस्सी और हुक के सहारे बाहर निकाला।
अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फूलपुर थाना अंतर्गत बिंदा गांव में हर घर नल योजना के तहत जल निगम की ओर से नलकूप लगाने के लिए बोरिंग की जा रही है। हफ्ते भर पूर्व बोरिंग की गई और पानी न मिलने पर ठेकेदार उसे बिना पाटे चला गया।
जल निगम के ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा
शाम लगभग पांच बजे राधेश्याम का बेटा अनिकेत दोस्तों के साथ बोरवेल के पास पहुंचा और अचानक उसमें गिर गया। दोस्तों ने शोर मचाया तो आसपास के लोग जुट गए। चचेरे भाई को बचाने के लिए धमेंद्र यादव बोरवेल में लगभग 30 फीट नीचे रस्सी के सहारे उतर गया लेकिन जब उसकी सांस फूलने लगी तो वह फिर बाहर आ गया।
इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से रस्सी और हुक के जरिये 70 फीट नीचे पानी में अटके अनिकेत को निकालने का प्रयास करने लगा। इसी बीच हुक अनिकेत की शर्ट में फंस गया और सभी ने मिलकर उसे बाहर निकाला। फूलपुर थाना प्रभारी जगदीश कुशवाहा के अनुसार जल निगम के ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
अंतिम सांस तक लड़ा अनिकेत
हर घर नल योजना के लिए खोदे गए बोरवेल के गड्ढे में गिरने के बाद अनिकेत अंतिम सांस तक लड़ता रहा। अंदर से आ रही आवाज को सुनकर बेचैन हो रहा चचेरा भाई धर्मेंद्र खुद को नहीं रोक पाया और रस्सी के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर बोरवेल में उतर गया। हालांकि अंदर आक्सीजन की कमी होने पर वह ज्यादातर देर तक नहीं टिक पाया और फिर बाहर निकल गया।
इसके बाद ग्रामीणों ने कुएं में डाली जाने वाली कटिया को रस्सी के सहारे गड्ढे में डाला। कटिया अनिकेत के कपड़ों में फंसने के बाद उसे खींच कर बाहर निकाला गया। जिंदगी से जंग लड़ रहे अनिकेत की सांसे अस्पताल पहुंचते-पहुंचते थम गईं।
बेटे के शव से लिपटकर मां ऊषा देवी और बहनें बिलख रही थी। तीन बहनों और तीन भाइयों में अनिकेत चौथे पर नंबर पर था। मां के अनुसार शाम के समय घर से खेलते हुए निकला था, क्या पता था कि बेटा आखिरी बार घर से जा रहा था। परिजनों के करुण क्रंदन से मौजूद हर किसी की आंखें डबडबा जा रही थीं।
अस्पताल में नहीं थे चिकित्सक,ग्रामीणों ने किया हंगामा
बोरवेल में गिरे अनिकेत को अचेतावस्था में लेकर परिजन जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां चिकित्सक ही नहीं थे। इसे लेकर परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा शुरू किया। किशोर को अस्पताल के बाहर चबुतरे पर लिटाकर उसके पेट से पानी निकालते रहे। हंगामे के आधे घंटे के बाद चिकित्सक पहुंचे और किशोर को देखते ही मृत घोषित कर दिया। चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने बताया कि 30 मिनट बाद एक चिकित्सक आए और देखने के बाद कहा कि दम तोड़ चुका है। हालांकि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष सिंह ने आरोप को बेबुनियाद बताया। उधर, परिजन थाने की पुलिस पर भी नाराजगी जाहिर की।
अनहोनी को लेकर आशंकित रहते थे ग्रामीण
जिस बोरवेल में अनिकेत की गिरने से मौत हुई, उसके कुछ दूरी पर भी बोरिंग हुई थी और पानी नहीं निकलने पर ठेकेदार बिना पाटे छोड़ दिया था, जिसे ग्रामीणों ने पाटा था। तभी से ही ग्रामीण किसी अनहोनी को लेकर आशंकित रहते थे। ग्रामीणों के अनुसार एक माह से चल रही बोरिंग के कार्य में हद दर्जे की लापरवाहियां बरती गईं। जल निगम के अधिकारियों ने कभी गांव में भ्रमण करके कार्यों का निरीक्षण तक नहीं किया।
हादसे के बाद जिलाधिकारी ने बैठाई जांच
जल जीवन मिशन योजना के तहत पिंडरा के बिंदा गांव में खोदे गए बोरवेल के लिए गड्ढे में गिरकर हुई मौत के मामले में जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार की लापरवाही पर एसडीएम पिंडरा को जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही जिले भर में 250 से ज्यादा गांवों में बोरवेल के लिए की जा रही खुदाई के दौरान सुरक्षा मानकों के पालन पर भी विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि बोरवेल खोदाई लिए तय सुरक्षा मानक के लिए शासन स्तर से गाइड लाइन जारी है। समय समय पर सुरक्षा मानकों के लिए निर्देश भी दिए जाते हैं। बिंदा गांव में बोरवेल खुदाई वाली जगह पर सुरक्षा मानक अपनाए गए या नहीं, इसकी जांच का आदेश दिया गया है।
एसडीएम से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार की लापरवाही सामने आ रही है। एसडीएम की रिपोर्ट के बाद जिम्मेदारी तय करके सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार मुआवजे की भी कार्रवाई कराई जाएगी।
बोरवेल खुदाई के दौरान यह सुरक्षा मानक जरूरी
- बोरवेल खोदाई के दौरान उस जगह की बैरिकेडिंग करना जरूरी
- उपयोग नहीं होने पर गड्ढे को ढकना व आवागमन प्रतिबंधित करना
- बोरवेल खोदाई की जगह के चारों तरफ चेतावनी बोर्ड लगाना
- बोरवेल खोदाई वाली जगह पर सुरक्षाकर्मी की तैनाती करना