रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा जीवन का होगा स्वर्णिम पल
उस दिन की अयोध्या मेरी जुबानी
जौनपुर। अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का सपना साकार होने जा रहा है। मंदिर आंदोलन की सफलता में छोटा सा योगदान देने वाले क्षेत्र के आनन्द मोहन दो कारसेवक दोस्तों का संस्मरण रोमांचित करने वाला है। दोनों साथी पहली बार कारसेवा में नहीं पहुंचे, लेकिन बाद में अयोध्या में नींव खोदाई व शिलापूजन में खुद अपने हाथों से फावड़ा चलाया – और सिर पर मिट्टी ढोने का काम किया। ढांचा ढहाने के लिए घर पर लगे पुलिस पहरा को चकमा देते हुए वेष बदलकर निकल तो गए पर दूसरे दिन ही उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 29 दिन तक जेल में उन्हें सजा काटनी पड़ी। भरतपुर निवासी चंद्रभान सिंह व सिकरारा बाजार के आनंद मोहन जायसवाल 22 जनवरी को अयोध्या रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी खुश होने के साथ गौरवान्वित हैं। चंद्रभान सिंह ने बताया कि मुझे कारसेवकों को अयोध्या भेजने की जिम्मेदारी मिली थी। यह काम आसान नहीं था।
एक नवंबर 1990 को सिकरारा से लगभग छह दर्जन लोग अलग-अलग स्थानों से टोली बनाकर निकले। किसान का वेश धारण कर चंद्रभान सिकरारा बाजार के जिला सहकारी बैंक से रुपये निकालने गए थे तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उनको वाराणसी के चौक थाने में ले गई। जहां 29 दिन तक वह जेल में रहे।
घर के बाहर रहता था पुलिस का पहरा
चंद्रभान सिंह बताते हैं कि भाजपा पदाधिकारी होने के नाते मुझे कारसेवकों को अयोध्या भेजने की जिम्मेदारी मिली। यह काम आसान नहीं था, क्योंकि तब उनके भरतपुर स्थित घर के बाहर पुलिस का पहरा होता था। बताया कि उस समय तिलक, कलावा, चोटी व भगवा पहने लोगों को पुलिस ट्रेन से उतारकर पीट रही थी, लेकिन अयोध्या जाने का संकल्प अटल था, लेकिन नहीं पहुंच पाने का अफसोस आज भी है।
ढांचा गिराए जाने के वाद अयोध्या से ईंट लाए थे कुछ कारसेवक
विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद कई कारसेवक अयोध्या से ईंट लाए थे। अयोध्या से लाए गए ईंट को गांव-गांव ले जाकर पूजन कराया। कसम राम की खाते हैं, मंदिर वही बनाएंगे के नारे के साथ रामभक्त रथ व ठेले पर शिला रखकर गांव-गांव घूमे थे। अंशदान व शिला को अयोध्या ले जाया गया। चंद्रभान सिंह कहते हैं कि भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा उनके जीवन का सबसे रोमांचकारी पल होगा। अपने जीवन के उस पल को याद करते ही उनके चेहरे पर चमक आ जाती है।