मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए कल इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा,विधि और महत्व
नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन के पांचवें महीने सावन को बहुत ही पवित्र माना गया है। इस माह में भगवान शिव के पूजन का विधान है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस माह में सावन के सोमवार और मंगलावर का विशेष महत्व बताया जाता है। जहां सोमवार का दिन भगवान शिव को प्रसन्न है। वहीं, मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। ये दिन मां पार्वती को समर्पित है। इस बार सावन का पहला मंगलावर 19 जुलाई के दिन पड़ रहा है। आइए जानें इस दिन का महत्व,पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
मंगला गौरी व्रत शुभ मुहूर्त 2022
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगला गौरी व्रत में शुभ मुहूर्त में पूजा करना विशेष फलदायी साबित होता है। इस बात मंगला गौरी व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 12 बजे तक। कल इस समय शुभ मुहूर्त में पूजा करना शुभ फलदायी रहेगा।
मंगला गौरी पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साथ-सुथरे वस्क्ष धारण करें।. फिर घर के मंदिर में एक चौकी की स्थापना करें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। मां पार्वती को सोलह ऋंगार की सामग्री,सूखे मेवे,नारियल,लौंग,सुपारी,इलायची और मिठाई अर्पित करें। इसके बाद मां पार्वती की आरती करें और व्रत कथा करें। इसके बाद मां को अर्पित किया हुआ भोग प्रसाद के रूप में लोगों को बांटें।
मंगला गौरी व्रत महत्व
मां गौरी व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। इस व्रत को रखने से महिलाओं की सबी कामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं,संतान प्राप्ति की इच्छापूर्ति के लिए भी इस व्रत को रखा जाता है।