लगभग सवा लाख दस्तावेज लीक,गंभीर आरोपों से घिरी उबर कंपनी
लंदन। एक नए खुलासे से उबर कंपनी गंभीर आरोपों से घिर गई है। कंपनी से जुड़े एक लाख 12 हजार से ज्यादा दस्तावेज लीक हुए हैं, जिन्हें अब ‘उबर फाइल्स’ के नाम से जाना जा रहा है। ये दस्तावेज ब्रिटिश अखबार द गार्जियन को हाथ लगे हैं। इन दस्तावेजों से सामने आया है कि एप के जरिए कारोबार चलाने वाली उबर कंपनी ने कानून तोड़े, पुलिस की आंख में धूल झोंका, टैक्सी ड्राइवरों को हिंसा में झोंका और विभिन्न देशों में सरकारों से अनुचित फायदा उठाने के लिए लॉबिंग की। अखबार द गार्जियन ने अपनी एक विशेष रिपोर्ट में कहा है कि ऐसे ही तरीकों का सहारा लेकर देखते-देखते उबर अमेरिका की सिलिकॉन वैली से दुनिया भर में कारोबार करने वाली बड़ी कंपनी बन गई।
लीक हुए दस्तावेज पांच साल की अवधि के हैं। उस समय उबर कंपनी को इसके सह-संस्थापक ट्रैविस केलेनिक संचालित करते थे। उस समय कंपनी ने कानूनों की अनदेखी करते हुए अपने पैर पसारने की नीति अपनाई थी। जब इसके खिलाफ माहौल बना, तो कंपनी ने विभिन्न देशों के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, वहां के अरबपति व्यापारियों और मीडिया का समर्थन हासिल करने के लिए अनुचित तरीके अपनाए। द गार्जियन ने कहा है कि कंपनी अधिकारी इस बात से पूरी तरह परिचित थे कि वे कानून तोड़ रहे हैं।
83 हजार से ज्यादा ई-मेल और व्हाट्सएप मैसेज
द गार्जियन को जो 2013 से 2017 तक के जो दस्तावेज हाथ लगे हैं, उनमें 83 हजार से ज्यादा ई-मेल और व्हाट्सएप मैसेज भी हैं। उनमें से कुछ संदेशों से पता चलता है कि उबर कंपनी ने फ्रांस में अपने ड्राइवरों को विरोध प्रदर्शन में भेजने की रणनीति अपनाई। उस दौरान केलेनिक को आगाह किया गया था कि प्रदर्शनों के दौरान ड्राइवरों को हिंसा का शिकार होना पड़ सकता है। इसके जवाब में केलेनिक ने कहा था- ‘मेरी राय में ऐसा होने देने चाहिए। हिंसा से सफलता सुनिश्चित होती है।’
द गार्जियन ने सामने आई जानकारियों पर प्रतिक्रिया जानने के लिए केलेनिक से संपर्क किया। तब उनके प्रवक्ता ने कहा- केलेनिक ने कभी ड्राइवरों की सुरक्षा की कीमत पर हिंसा का फायदा उठाने की बात नहीं कही थी। केलेनिक ऐसी किसी गतिविधि में शामिल थे, यह कहना बिल्कुल गलत होगा।
मैक्रों से बातचीत के संदेश भी हुए लीक
लीक हुए दस्तावेजों में केलेनिक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच हुए संदेश का हुआ आदान-प्रदान भी है। उनसे सामने आता है कि मैक्रों जब फ्रांस के आर्थिक मामलों के मंत्री थे, तब उन्होंने गोपनीय ढंग से कंपनी की मदद की थी। उन्होंने उबर को यह सुविधा दी थी, जिससे वह सीधे उनसे और उनके कर्मचारियों से संपर्क कर पाती थी। जब मैक्रों राष्ट्रपति बने, तो ऐसे संकेत हैं कि उन्होंने उबर को लाभ पहुंचाने के लिए असाधारण तरीके अपनाए।
इन दस्तावेजों से यह भी सामने आता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन,जब देश के उप राष्ट्रपति थे, तो उनका केलेनिक से सीधा संपर्क था। इसी तरह उबर ने दुनियाभर में मीडिया संस्थानों को अपने पक्ष में खबर दिखाने के लिए प्रभावित करने की मुहिम चलाई। द गार्जियन ने कहा है कि मीडिया से संबंधित दस्तावेज उसने इंटरनेशनल कॉन्जॉर्टिम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स को दे दिए हैं, जो इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा।