यूपी एटीएस ने दो रोहिंग्याओं को किया गिरफ्तार, बलिया लाकर भेजा जा रहा था विदेश
वाराणसी | यूपी एटीएस की वाराणसी इकाई ने मंगलवार को बलिया से दो रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी के मुताबिक, आरोपी म्यांमार और बांग्लादेश से रोहिंग्याओं को भारत लाते थे, फिर विदेश भेजते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान म्यांमार निवासी मोहम्मद अरमान उर्फ अबू तल्हा और अब्दुल अमीन के रूप में हुई है। मोहम्मद अरमान के पास से अवैध तरीके से बनवाए गए भारतीय नागरिकता के कागजात, उसका और एक अन्य रोहिंग्या का भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, विदेशी करेंसी, सऊदी अरब का मोबाइल व सिम, भारतीय सिम लगा आईफोन बरामद किया गया। वहीं, अब्दुल अमीन के पास से रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए जारी अलग-अलग दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
यूपी एटीएस को सूचना मिली थी कि म्यांमार और बांग्लादेश से अवैध तरीके से रोहिंग्या भारत में प्रवेश करते हैं। इसके बाद बलिया में फर्जी पासपोर्ट और भारतीय नागरिकता संबंधी अन्य कागजात तैयार करा कर विदेश चले जाते हैं। इसकी पड़ताल के लिए यूपी एटीएस की वाराणसी इकाई के डिप्टी एसपी विपिन राय के नेतृत्व में इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी को लगाया गया। एटीएस की पड़ताल में सामने आया कि मोहम्मद अरमान मंगलवार को बलिया में अपने सहयोगियों की मदद से अवैध तरीके से म्यांमार-भारत बॉर्डर पार करके आया रोहिंग्या अब्दुल अमीन का भारतीय नागरिकता का कागज बनवाने आएगा। इस सूचना के आधार पर एटीएस ने बलिया के कोतवाली थाना क्षेत्र के गांधी नगर मैदान से दोनों को गिरफ्तार किया। एटीएस के अफसरों ने बताया कि मोहम्मद अरमान को बलिया में शरण देने वालों और उसके सहयोगियों की तलाश जारी है।
2015 में पासपोर्ट बनवा कर गया था सऊदी अरब
पूछताछ में मोहम्मद अरमान ने बताया कि वह लगभग नौ वर्ष पहले म्यांमार से भारत की सीमा में घुसा था। बलिया आकर कामकाज करने लगा। इसके बाद कुछ लोगों की मदद से अपना नाम परिवर्तित कर भारतीय नागरिकता के कागज बनवा कर अपना पासपोर्ट बनवाया। इसके बाद वह सऊदी अरब चला गया और वहां काम करने लगा। सऊदी अरब में उसने जो पैसा कमाया, उससे पश्चिम बंगाल में भारतीय दस्तावेजों के आधार पर जमीन खरीद कर मकान बनाकर रह रहा था। वह सऊदी अरब से जब भी आता था तो अपने सहयोगियों से मिलने बलिया आता था।
दो लाख रुपये लगते हैं लाकर कागजात बनवाने में
मोहम्मद अरमान ने एटीएस के अफसरों को बताया कि वह म्यांमार से कितने रोहिंग्या को भारत की सीमा में प्रवेश कराया है, उसे याद नहीं है। इसके लिए एक बड़ा नेटवर्क है, जो पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक सक्रिय है। म्यांमार और बांग्लादेश से लाकर बलिया में भारतीय कागजात बनवाने में लगभग दो लाख रुपये खर्च होते हैं। अब तक वह सात-आठ लोगों को भारतीय कागजात की मदद से पासपोर्ट बनवा कर सऊदी अरब भेज चुका है। अब वह लोग कहां हैं, इसकी जानकारी उसे नहीं है।
तीन टीमें लगीं, ध्वस्त किया जाएगा नेटवर्क
एटीएस के अफसरों ने बताया कि मोहम्मद अरमान से पूछताछ में अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। जानकारियों के आधार पर तीन अलग-अलग टीमों को उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए लगाया गया है। मोहम्मद अरमान के पकड़े जाने की भनक लगी तो बलिया में भारतीय कागजात बनवाने में उसकी मदद करने वाले भूमिगत हो गए हैं। जल्द ही सभी की गिरफ्तारी सुनिश्चित कर रोहिंग्याओं को उत्तर प्रदेश लाकर विदेश भेजने वाले नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा।