उत्तर प्रदेश के 157 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

उत्तर प्रदेश के 157 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

20 स्टेशनों पर प्रथम चरण का कार्य पूर्ण

नई दिल्ली/वाराणसी (जनवार्ता) । उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक स्वरूप देने के लिए केंद्र सरकार ने व्यापक कार्ययोजना बनाई है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेलवे तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत राज्य के 157 रेलवे स्टेशनों का चरणबद्ध तरीके से पुनर्विकास किया जा रहा है, जिनमें से 20 स्टेशनों पर प्रथम चरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

मंत्री ने बताया कि जिन प्रमुख स्टेशनों पर कार्य संपन्न हुआ है उनमें अयोध्या धाम, बरेली सिटी, बिजनौर, गोवर्धन, गोंमती नगर, इज्जतनगर, सहारनपुर जंक्शन, सिद्धार्थ नगर, इडगाह आगरा जंक्शन, मैलानी, बालरामपुर और स्वामीनारायण छपिया जैसे स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों पर प्रतीक्षालयों के नवीनीकरण, प्लेटफॉर्म के उन्नयन, फुट ओवर ब्रिज, शौचालय, लिफ्ट-एस्केलेटर जैसी यात्री सुविधाएं सुसज्जित की गई हैं।

लोकसभा में मेरठ से सांसद अरुण गोविल द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन को भी इस योजना में सम्मिलित किया गया है और उसका कायाकल्प कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि मेरठ–हस्तिनापुर–बिजनौर (63.5 किमी) नई रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दे दी गई है और अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। परियोजना को मंजूरी मिलने से पहले नीति आयोग, वित्त मंत्रालय तथा राज्य सरकार से विचार-विमर्श किया जाना आवश्यक है।

मेरठ से यात्री सुविधा की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि मेरठ से हापुड़ के बीच 14 ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं जबकि हापुड़ से बिजनौर के लिए 4 ट्रेनें संचालित हो रही हैं। इस रूट पर नई रेल लाइन से यात्रियों को सीधा और सुविधाजनक कनेक्शन मिलेगा।

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श्री वैष्णव ने बताया कि प्रस्तावित स्टेशन पुनर्विकास कार्यों में मुख्य और द्वितीय प्रवेश द्वारों पर आधुनिक भवन, विस्तृत प्रतीक्षालय, 12 और 6 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज, प्लेटफॉर्म अपग्रेडेशन, लिफ्ट-एस्केलेटर, पार्किंग, और सभी यात्री सुविधाएं सम्मिलित की जाएंगी। राज्य के अन्य प्रमुख स्टेशनों जैसे मोदीनगर, सीतापुर, लखनऊ (चारबाग), प्रयागराज और गाज़ियाबाद में भी काम प्रगति पर है।

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि परियोजनाओं की प्रकृति जटिल होती है, जिसमें सुरक्षा, तकनीकी अनुमतियाँ और यूटिलिटी शिफ्टिंग जैसे कई कारक समयसीमा को प्रभावित कर सकते हैं।

श्री वैष्णव ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना का उद्देश्य स्टेशनों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से पुनः विकसित कर उन्हें स्मार्ट, सुगम और यात्री हितैषी बनाना है। इस योजना में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, दिव्यांगजनों के लिए समुचित सुविधाएं, हरित समाधान, ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ जैसी पहलें भी सम्मिलित की गई हैं।

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