ब्रेन स्ट्रोक से हर साल 18 लाख लोग प्रभावित

ब्रेन स्ट्रोक से हर साल 18 लाख लोग प्रभावित

आईएएनकॉन-2025 का वाराणसी में शुभारंभ

rajeshswari

बीएचयू के तत्वावधान में 2 नवंबर तक चलेगा न्यूरोलॉजी विशेषज्ञों का वार्षिक सम्मेलन

वाराणसी (जनवार्ता)। भारतीय न्यूरोलॉजिकल एसोसिएशन (इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी) का 32वां वार्षिक सम्मेलन “आईएएनकॉन-2025” बुधवार को विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर वाराणसी के नदेसर स्थित होटल में प्रारंभ हुआ। यह प्रतिष्ठित सम्मेलन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS-BHU) के न्यूरोलॉजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित हो रहा है, जो आगामी 2 नवंबर तक चलेगा।

आयोजन सचिव प्रो. विजयनाथ मिश्र ने बताया कि भारत में हर वर्ष लगभग 18 लाख लोग ब्रेन स्ट्रोक से प्रभावित होते हैं। बदलती जीवनशैली, तनाव, मधुमेह और उच्च रक्तचाप इसके प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि समय पर उपचार मिलने से स्ट्रोक के गंभीर प्रभावों को काफी हद तक रोका जा सकता है।

न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अभिषेक पाठक ने बताया कि स्ट्रोक की पहचान के लिए “बी-फास्ट” सूत्र याद रखना जरूरी है — जिसमें बैलेंस, आईज, फेस, आर्म, स्पीच और टाइम के संकेतों पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि “गोल्डन आवर” यानी स्ट्रोक के पहले 60 मिनट के भीतर उपचार मिलने पर मस्तिष्क की कोशिकाएं बचाई जा सकती हैं।

कार्यक्रम के चेयरमैन प्रो. आर.एन. चौरसिया ने बताया कि इस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन 30 अक्टूबर को ताज नदेसर पैलेस में होगा। यह आयोजन “ऑपरेशन सिंदूर” के वीर जवानों और गोरखा प्रशिक्षण केंद्र को समर्पित रहेगा।

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता बीएचयू कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में पद्म पुरस्कार प्राप्त प्रो. राजेश्वर आचार्य (जलतरंग) और प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र (मृदंग) भारतीय संगीत की प्रस्तुति देंगे।

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आयोजन समिति में प्रो. दीपिका जोशी (चेयरमैन, साइंटिफिक कमेटी), डॉ. वरुण सिंह और डॉ. आनंद कुमार (संयुक्त आयोजन सचिव) शामिल हैं। सम्मेलन में देश-विदेश के प्रमुख न्यूरोलॉजिस्ट नवीनतम शोध, उपचार विधियों और स्ट्रोक अवेयरनेस पर चर्चा करेंगे।

Shiv murti

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