काशी से उठी नशा मुक्ति की अलख, युवा बनेंगे विकसित भारत के सारथी – डॉ. मनसुख मांडविया

काशी से उठी नशा मुक्ति की अलख, युवा बनेंगे विकसित भारत के सारथी – डॉ. मनसुख मांडविया

वाराणसी (जनवार्ता)। “अगर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है, तो उसकी सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा शक्ति होगी।” — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस विजन को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ‘नशा मुक्त भारत’ के अभियान को नए स्वरूप में आगे बढ़ा रही है।

भारत विश्व में सबसे अधिक युवा आबादी वाला देश है, लेकिन चिंता की बात है कि आज का युवा नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है। AIIMS की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 8.5 लाख से ज्यादा बच्चे ड्रग्स की लत का शिकार हैं। यह न केवल उनके भविष्य को, बल्कि भारत के विकास को भी खतरे में डाल रहा है।

सरकार द्वारा पिछले वर्षों में अनेक प्रयास किए गए— IRCAs, ODICs केंद्रों की स्थापना, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान, और ड्रग माफिया के खिलाफ NCB की सख्त कार्रवाई प्रमुख हैं।

इसी क्रम में MY Bharat द्वारा 19-20 जुलाई को काशी में ‘युवा आध्यात्मिक समिट’ का आयोजन किया जा रहा है। इसका विषय है: “नशा मुक्त युवा फॉर विकसित भारत”। इस आयोजन में देशभर की 100 से अधिक आध्यात्मिक संस्थाओं के युवा प्रतिनिधि, स्वास्थ्य मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, NCB व अन्य संस्थाएं भाग लेंगी।

इस समिट में नशे की प्रवृत्ति, इसके प्रभाव, पीड़ितों की कहानियां, समाधान और नीति निर्माण पर चर्चा की जाएगी। साथ ही युवाओं को सरकार के सामने अपनी आवाज़ रखने का मंच मिलेगा।

समिट के अंत में “काशी डिक्लेरेशन” जारी किया जाएगा, जो आने वाले 5 वर्षों के लिए नशा मुक्ति अभियान का रोडमैप होगा।

डॉ. मांडविया ने कहा, “काशी की धरती से शुरू होने वाला यह अभियान केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्रव्यापी चेतना का शंखनाद है। यह युवाओं में आत्मसंयम, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्रभक्ति का नवप्रकाश जगाएगा, जो भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र की ओर ले जाएगा।”

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