बीपीएड छात्र कुलपति आवास के सामने धरने पर

बीपीएड छात्र कुलपति आवास के सामने धरने पर

पीएचडी प्रवेश में भाई-भतीजावाद रोकने नया सख्त नियम

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता )। विश्व प्रसिद्ध बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में गुरुवार सुबह दो अलग-अलग मुद्दों पर बवाल मच गया। एक तरफ शारीरिक शिक्षा विभाग के बीपीएड (दो वर्षीय) के छात्र कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठ गए, तो दूसरी तरफ पीएचडी प्रवेश में पिछले कई वर्षों से लग रहे मनमानी और चहेतों को फायदा पहुंचाने के आरोपों पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है।

बीपीएड छात्रों का गुस्सा: “नवोदय विद्यालय ने हमारी डिग्री को मान्यता देने से इनकार कर दिया”

शारीरिक शिक्षा विभाग के दर्जनों छात्र सुबह करीब 6 बजे से कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के आवास के मुख्य गेट के सामने धरने पर बैठ गए। छात्रों का कहना है कि बीएचयू का दो वर्षीय बीपीएड कोर्स NCTE (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) से पूरी तरह मान्यता-प्राप्त है, लेकिन नवोदय विद्यालय समिति ने हाल ही में आई टीजीटी (शारीरिक शिक्षा शिक्षक (TGT Physical Education) की भर्ती में इस डिग्री को अयोग्य घोषित कर दिया।

छात्रों ने आरोप लगाया, “पहले जब बीएचयू में एक वर्षीय बीपीएड कोर्स था, तब नवोदय, केन्द्रीय विद्यालय, एकलव्य मॉडल स्कूल सहित सभी जगह हमारी डिग्री पूरी तरह मान्य थी। दो वर्षीय कोर्स शुरू होने के बाद भी NCTE ने मान्यता दे दी, लेकिन नवोदय ने मानने से इनकार कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमसे वादा किया था कि सभी जगह मान्यता दिलवाई जाएगी, लेकिन अब चुप है। यह सीधी-सीधी धोखाधड़ी है।”

धरने की सूचना मिलते ही प्रॉक्टरियल बोर्ड, वरिष्ठ अधिकारी और शारीरिक शिक्षा विभाग के आचार्य मौके पर पहुंचे और छात्रों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है।

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पीएचडी प्रवेश में अब दोहरी जांच: कुलपति ने बनाई फैकल्टी ऑडिट कमेटी

दूसरी तरफ, पिछले कई सत्रों से पीएचडी प्रवेश में “अपनों को फायदा और रिश्तेदारों को सीधे दाखिला” के गंभीर आरोप लग रहे थे। इस बार कुलपति ने सख्ती दिखाई है। नए सत्र से हर फैकल्टी में 5 सदस्यीय “फैकल्टी ऑडिट कमेटी” बनाई जाएगी, जिसमें दूसरे संकाय के प्रोफेसर भी रहेंगे।

– विभाग पहले विभाग अपने स्तर पर अभ्यर्थियों का फिजिकल वेरिफिकेशन करेगा। 

– इसके बाद यह ऑडिट कमेटी पूरे वेरिफिकेशन पोर्टल का ऑडिट करेगी। –


दोहरी जांच के बाद ही अंतिम मेरिट बनेगी।

साथ ही नए सत्र से पीएचडी प्रवेश पूरी तरह NET/JRF और साक्षात्कार के परसेंटाइल पर आधारित होगा। जहां UGC-NET नहीं होता, वहां ICAR-SRF के अंकों को मान्य किया जाएगा।

विश्वविद्यालय सूत्रों का कहना है कि इस कवायद से पिछले कई वर्षों से चल रही भाई-भतीजावाद की शिकायतों पर लगाम लगेगी।

कैंपस में आज सुबह से दोनों मुद्दों पर छात्रों में भारी आक्रोश है। प्रशासन दोनों मामलों में जल्द लिखित आश्वासन देने की तैयारी में जुटा हुआ है।

Shiv murti

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