काशी विश्वनाथ मंदिर में गूँजे भजन
काशी तमिल संगमम्-4 की तैयारियाँ जोरों पर

वाराणसी( जनवार्ता)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के श्री विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में बुधवार शाम भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिला। काशी तमिल संगमम्-4 के पूर्व-आयोजन के तहत आयोजित “संध्या भजन” कार्यक्रम में बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने काशी और तमिलनाडु की लोक शैलियों में एक से बढ़कर एक भजन और देवी गीत प्रस्तुत किए। मंदिर परिसर भक्ति रस में डूब गया और “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” का संदेश स्वतः सिद्ध होता सिखा।

2 से 15 दिसंबर 2025 तक होने वाले काशी तमिल संगमम्-4 की तैयारियों को गति देने के क्रम में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु, विद्यार्थी और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। छात्रों ने तमिल और हिंदी-भोजपुरी की मिश्रित शैली में “काशी विश्वनाथ गाथा”, “अम्मा जगदंबा” जैसे भजन गाकर दर्शाया कि काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक धारा एक ही स्रोत से निकलती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयोजकों ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने वाला यह चौथा संगमम् पिछले तीन आयोजनों से कहीं अधिक भव्य होगा। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशन और बीएचयू की मेजबानी में होने वाले इस पखवाड़े भर के महोत्सव में तमिलनाडु से बड़ी संख्या में विद्वान, कलाकार, शिल्पी और छात्र वाराणसी आएंगे।
उपस्थित लोगों ने इसे “दो प्राचीन सभ्यताओं का पुनर्मिलन” बताया और कहा कि ऐसे आयोजन युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं तथा सांस्कृतिक एकता को मजबूत करते हैं।
आयोजन समिति ने घोषणा की कि आने वाले दिनों में काशी के विभिन्न घाटों, मंदिरों और विश्वविद्यालय परिसर में भजन-कीर्तन, प्रदर्शनी और जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रहेगी ताकि आमजन भी इस ऐतिहासिक संगम का हिस्सा बन सके।
काशी तमिल संगमम्-4 एक बार फिर सिद्ध करने जा रहा है कि भारत की विविधता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।

