प्रतिबंधित कफ सीरप के बड़े अंतरराज्यीय माफिया का भंडाफोड़
दो साल में करीब 89 लाख शीशियां खरीद-बेचकर लगभग 100 करोड़ रुपये का गोरखधंधा

वाराणसी (जनवार्ता) । पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कोडीन युक्त प्रतिबंधित कफ सीरप के बड़े अंतरराज्यीय माफिया का भंडाफोड़ किया है। इस अवैध कारोबार की कमान मैदागिन निवासी भोला प्रसाद जायसवाल और उनके बेटे शुभम जायसवाल के हाथ में थी, जिन्होंने पिछले दो साल में करीब 89 लाख शीशियां खरीद-बेचकर लगभग 100 करोड़ रुपये का गोरखधंधा किया।
शनिवार को कोड़ीन सिरप की तस्करी के आरोप में शुभम जायसवाल, उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल, रांची स्थित मेसर्स शैली ट्रेडर्स और वाराणसी के 28 दवा कारोबारियों सहित कुल 89 लोगों व फर्मों के खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि ये लोग फर्जी बिल, बंद पड़ी दवा कंपनियों और सराफा कारोबारियों के नाम पर लाइसेंस लेकर झारखंड, बंगाल और बांग्लादेश तक नेटवर्क चला रहे थे।
खाद्य सुरक्षा आयुक्त रोशन जैकब के निर्देश पर 12 से 14 नवंबर तक चली छापेमारी में खुलासा हुआ कि वाराणसी के 93 मेडिकल स्टोर के नाम पर 84 लाख शीशियां बेची गईं, लेकिन ज्यादातर दुकानें मौके पर मौजूद ही नहीं थीं। नौ पूरी तरह बंद फर्मों को भी माल सप्लाई किया गया था। एक ही पते पर दो फर्म चलाने से लेकर आभूषण कारोबारी को मेडिकल स्टोर का मालिक दिखाने तक के फर्जीवाड़े सामने आए हैं।
मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल पहले गाजियाबाद में भी इसी तरह के मामले में नामजद हो चुका है और वर्तमान में विदेश भागा हुआ बताया जा रहा है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की तैयारी चल रही है। पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम अब पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी है।

