अधिवक्ताओं की अराजकता पर सेंट्रल बार ने जताई नाराजगी

अधिवक्ताओं की अराजकता पर सेंट्रल बार ने जताई नाराजगी

वराणसी (जनवार्ता) : कचहरी परिसर में मंगलवार को अधिवक्ताओं द्वारा दरोगा मिथिलेश प्रजापति पर हमला कर बुरी तरह घायल करने की घटना ने कानून और पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया। इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अमरनाथ शर्मा ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा, “इस घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। कुछ अराजक तत्व इस पेशे में घुस आए हैं, जिन पर कोई नियंत्रण नहीं है।”

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शर्मा ने पुलिस कर्मियों को भी अपने व्यवहार में सुधार लाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे पहले से चली आ रही कुछ बातें हो सकती हैं, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को अधिवक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए समय-समय पर प्रेरित करें।

सेंट्रल बार और बनारस बार एसोसिएशन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। दोनों संगठनों ने मिलकर एक कमेटी गठित की है, जो अराजक तत्वों की पहचान कर उनके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई करेगी। शर्मा ने बताया कि पुलिस के समक्ष भी प्रस्ताव रखा गया है कि ऐसे अराजक तत्वों को चिह्नित कर परिसर से बाहर किया जाए। उन्होंने घायल दरोगा मिथिलेश प्रजापति के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

वहीं, सेंट्रल बार के महामंत्री राजेश गुप्ता ने भी इस घटना को अत्यंत निंदनीय बताया और इसकी कड़ी भर्त्सना की। इस घटना ने अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच तनाव को उजागर कर दिया है, जिसके समाधान के लिए दोनों पक्षों से संयम और बेहतर समन्वय की अपेक्षा की जा रही है।

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