मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को भेंट की जीआई शिल्प से निर्मित अद्भुत शिवलिंग कलाकृति
वाराणसी (जनवार्ता) । श्रावण मास के पवित्र अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काशी में एक अनुपम उपहार प्राप्त हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी आगमन पर प्रधानमंत्री को जी.आई. रजिस्टर्ड पारंपरिक मेटल रिपोंसी क्राफ्ट से निर्मित एक विशेष कलाकृति भेंट की, जो काशी की शिल्प परंपरा की श्रेष्ठता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन गई।
इस अद्वितीय धातु कलाकृति में तीन जीआई शिल्पों — मेटल रिपोंसी, मीनाकारी और मेटल कास्टिंग क्राफ्ट — का सजीव समन्वय है। 18 इंच ऊंची और 15 इंच चौड़ी इस शिल्पकृति को एक मीनाकारी युक्त चौकी पर प्रतिष्ठित किया गया है, जिसमें अरघा में शिवलिंग, पांच फन वाला नाग, नंदी, प्रसाद पात्र, त्रिशूल, कलश में गंगा जल और चंदन भस्म जैसे पवित्र तत्वों का समावेश है।
पद्मश्री जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनी कांत के अनुसार, यह कृति काशी के तीन प्रमुख धातु शिल्पियों — अनिल कसेरा, रघुनाथ कसेरा और अरुण कुमार वर्मा — द्वारा एक सप्ताह के अथक परिश्रम से तैयार की गई। उन्होंने बताया कि यह कलाकृति श्रावण मास की थीम पर आधारित है और इसका उद्देश्य काशी की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच तक पहुँचाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ‘स्वदेशी से वैश्विक’ की भावना को दोहराते हुए कहा कि जीआई टैग प्राप्त शिल्प एवं उत्पाद न केवल स्थानीय पहचान को सशक्त करते हैं, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ के संकल्प को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाते हैं। उन्होंने काशी के सिल्क उत्पादों और भदोही की कालीन का भी विशेष उल्लेख करते हुए बुनकरों और शिल्पियों को देश की आत्मनिर्भरता का आधार बताया।
शिल्पी समाज ने इस सम्मान पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह भेंट न केवल काशी की कला के प्रति प्रधानमंत्री के स्नेह को दर्शाती है, बल्कि देशभर के शिल्पकारों को नई प्रेरणा और पहचान भी प्रदान करती है।