नाविक महापंचायत: आर्थिक संकट का हवाला देकर नाव संचालन शुरू करने की मांग
वाराणसी (जनवार्ता): गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण पिछले 42 दिनों से नाव संचालन पर रोक के विरोध में वाराणसी के नाविकों ने दशाश्वमेध घाट पर शुक्रवार को महापंचायत बुलाई। नाविकों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी छोटी नावों पर प्रतिबंध है, जबकि पूंजीपतियों के क्रूज को संचालन की अनुमति दी जा रही है। इस मुद्दे को लेकर नाविकों ने एसीपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और नाव संचालन शुरू करने की मांग की।
नाविकों का कहना है कि वाराणसी में लगभग 3,000 नाविक परिवारों की आजीविका गंगा में नाव संचालन पर निर्भर है। प्रतिबंध के कारण इन परिवारों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। नाविक समाज के अध्यक्ष प्रमोद माझी ने कहा कि निषाद समाज के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। प्रशासन के आदेश का पालन वे कर रहे हैं, लेकिन बड़े व्यापारी क्रूज चला रहे हैं। नाव पर बैठकर गंगा आरती दिखाने पर भी रोक लगा दी गई है।
प्रत्येक घाट से एक नाविक प्रतिनिधि ने महापंचायत में हिस्सा लिया। नाविकों ने मांग की कि गंगा का जलस्तर अब घट रहा है, इसलिए बड़े नावों और क्रूज पर समान रूप से प्रतिबंध लगाया जाए या सभी के लिए संचालन की अनुमति दी जाए। साथ ही, श्रद्धालुओं को नाव से गंगा आरती दिखाने की अनुमति देने की मांग भी जोर-शोर से उठी।
नाविक समाज ने एसीपी को ज्ञापन सौंपकर तत्काल नाव संचालन शुरू करने का आदेश जारी करने की अपील की। नाविकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आगे और उग्र आंदोलन करेंगे।