देव दीपावली-2025: 25 लाख दीपों से जगमगाएंगे 84 घाट, पर्यटकों की बाढ़ आने की उम्मीद

देव दीपावली-2025: 25 लाख दीपों से जगमगाएंगे 84 घाट, पर्यटकों की बाढ़ आने की उम्मीद

वाराणसी (जनवार्ता) । धार्मिक नगरी वाराणसी एक बार फिर देवताओं की दीपावली के भव्य आयोजन के लिए पूरी तरह सज-धजकर तैयार हो चुकी है। कार्तिक पूर्णिमा (5 नवंबर) को होने वाले इस उत्सव में गंगा के 84 घाटों पर करीब 25 लाख मिट्टी के दीप जलाने की भव्य तैयारी की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर “क्लीन काशी, ग्रीन काशी, डिवाइन काशी” थीम के तहत आयोजित इस पर्व में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। पर्यटन विभाग के अनुसार, इस बार 25 लाख से अधिक पर्यटक और श्रद्धालु काशी पहुंचने की संभावना है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत गति प्रदान करेगा।

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भव्य सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और वाराणसी महोत्सव समिति ने संयुक्त रूप से 10 लाख दीपों की व्यवस्था की है, जबकि केंद्रीय देव दीपावली समिति द्वारा अतिरिक्त 15 लाख दीप उपलब्ध कराए जा रहे हैं। घाटों पर स्मार्ट लाइटिंग, थीम आधारित इंस्टॉलेशन, ड्रोन शो और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था की गई है। शाम को 8 मिनट का लेजर शो और ग्रीन फायरवर्क्स (पर्यावरण-अनुकूल आतिशबाजी) आयोजित होंगे, जो काशी की पौराणिक कथाओं को जीवंत कर देंगे।

दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति द्वारा आयोजित गंगा आरती इस बार विशेष होगी। यह आरती पहलगाम हमले में शहीद नागरिकों और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीर सैनिकों को समर्पित रहेगी। आरती के बाद काशी के युवा गायक कन्हैया दुबे के संयोजन में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा, जिसमें भक्ति भजनों और लोक नृत्यों की धूम मचेगी। 1 से 4 नवंबर तक चल रहे गंगा महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं।

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पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया, “यह पर्व काशी की आस्था, अनुशासन और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनेगा। ग्रीन आतिशबाजी और इको-फ्रेंडली सजावट से हम पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए उत्सव की भव्यता बढ़ाएंगे।”

नाव बुकिंग और पर्यटक सुविधाओं पर जोर
देव दीपावली के लिए नावों की बुकिंग में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। लगभग सभी नावें और बजरे पहले ही बुक हो चुके हैं। पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की नावें उपलब्ध हैं:

| नाव का प्रकार | क्षमता | दर (प्रति घंटा) | अवधि |
|—————|——–|—————–|——-|
| डॉली नाव    | 15 लोग | ₹500           | 1 घंटा |
| मोटर बोट    | 15-20 लोग | ₹700         | 45 मिनट |
| देशी फूल (विवेकानंद, अलखनंदा, भागीरथी) | 78 लोग | ₹3,600       | 2 घंटे |

नाव में सवार पर्यटकों को गाइड, एलसीडी स्क्रीन पर काशी की जानकारी और स्नैक्स की सुविधा दी जा रही है। नेविगेशनर द्वारा घाटों का पूरा परिचय कराया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक नाव पर फर्स्ट-एड किट और लाइफ जैकेट अनिवार्य हैं। पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार ने कहा, “नाविकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि पर्यटकों को सुरक्षित और यादगार अनुभव मिले।”

होटल और आवास व्यवस्था: बुकिंग फुल, रेट्स में उतार-चढ़ाव
होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे की बुकिंग में होड़ मची हुई है। शहर में 250 होटल, 30 स्टार होटल और सैकड़ों गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं, लेकिन 4-5-6 नवंबर के लिए अधिकांश बुकिंग फुल हो चुकी हैं। कुछ होटलों में रिक्त कमरे मिलने पर रेट्स में छूट मिल रही है। गंगा राइट के होटलों में 1.5 लाख रुपये तक का पैकेज उपलब्ध है, जबकि बजट होटलों में 300 रुपये से शुरू होने वाले कमरे हैं।

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पर्यटन विभाग ने 75 हजार रुपये के स्ट्रे पैकेज भी लॉन्च किए हैं, जिसमें आवास, नाव सवारी और आरती दर्शन शामिल हैं। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर क्षेत्र में 10 होटलों ने विशेष छूट की घोषणा की है।

देव दीपावली की मान्यता: देवताओं का पृथ्वी अवतरण
पुराणों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। विजय के बाद सभी देवता धरती पर उतर आए और गंगा स्नान कर आनंद मनाया। त्रेतायुग में भगवान राम ने इसी दिन गंगा स्नान कर लंका विजय की पूजा की। वाराणसी में यह परंपरा 39 वर्षों से चली आ रही है। 1986 में बनारस के घाटों पर पहली बार 5 दीप जलाए गए, जो अब 85 घाटों तक फैल चुकी है। नेपाल सहित अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु आते हैं।

घर पर देव दीपावली मनाने वालों के लिए 1,001 दीप जलाने की परंपरा है। तालाबों और कुंडों पर भी दीपोत्सव होगा।

कार्यक्रमों का शेड्यूल: कब-क्या होगा 1-4 नवंबर: गंगा महोत्सव – सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां।

– 5 नवंबर (सुबह 4 बजे): पंचगंगा घाट पर गंगा स्नान और आरती।

शाम 6 बजे: दशाश्वमेध घाट पर महाआरती।

शाम 7 बजे: लेजर शो, फायरवर्क्स और दीपदान रात 8 बजे: सभी घाटों पर दीप प्रज्वलन।

पर्यटन निगम के निर्देशक कपिल देव कुमार ने बताया, “सात-सात पालों में सफाई और सजावट की जा रही है।”

Shiv murti

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