मारुति नगर में 6 महीने से सीवर का गंदा पानी सड़कों पर

मारुति नगर में 6 महीने से सीवर का गंदा पानी सड़कों पर

चक्का जाम और धरना से भड़का आक्रोश, 5 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता)। लंका थाना क्षेत्र के मारुति नगर में पिछले छह महीनों से जारी सीवर जलभराव की समस्या ने मंगलवार को तूल पकड़ ली। स्थानीय निवासियों ने लौटूवीर मंदिर के पास चक्का जाम कर नगर निगम के खिलाफ जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों लोगों ने नारेबाजी की और अधिकारियों पर निष्क्रियता का गंभीर आरोप लगाया। हंगामे के बीच पुलिस ने 5 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।

क्षेत्रवासियों के अनुसार, मारुति नगर की गलियों और सड़कों पर सीवर का गंदा पानी भरा होने से दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। बदबू से परेशान लोग घर से निकलने में असमर्थ हैं, जबकि स्कूली बच्चे विद्यालय नहीं जा पा रहे। अनेक शिकायतों के बावजूद नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर अजय फौजी के नेतृत्व में महिलाओं-पुरुषों ने सड़क जाम कर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने “नगर निगम मुर्दाबाद”, “लापता पार्षद”, “लापता सांसद”, “डबल इंजन सरकार का विकास देखिए, नहीं चाहिए स्मार्ट सिटी” जैसे नारे लगाए और तख्तियां लहराईं।

मौके पर पहुंचे लंका इंस्पेक्टर राजकुमार ने लोगों को समझाने का प्रयास किया और चक्का जाम समाप्त करने की अपील की। हालांकि, प्रदर्शनकारी नगर निगम के उच्च अधिकारियों को बुलाने और समस्या का तत्काल समाधान करने पर अड़े रहे। अजय फौजी ने बताया, “हमने कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायतें भेजीं और पत्र दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गंदे पानी की बदबू और जलभराव से पूरा मोहल्ला परेशान है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, महिलाएं घरेलू कामों में असमर्थ हैं। आखिरकार सड़क पर उतरना पड़ा।”

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धरना में सुरेश यादव, सार्थक चतुर्वेदी, चंद्रमा यादव, राकेश यादव, अभिषेक यादव, जमुना उपाध्याय, चाणक्य दुबे, हर्षित उपाध्याय, सुनीता उपाध्याय, रिंकी पांडे, अनन्य पांडे और अरविंद यादव समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में ले लिया, जिससे तनाव और बढ़ गया।

निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि नगर निगम ने शीघ्र सीवर समस्या का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। वे उच्च अधिकारियों के दफ्तर के बाहर धरना देने तक सीमित नहीं रहेंगे। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर स्मार्ट सिटी परियोजना की विफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नगर निगम प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

Shiv murti

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