वाराणसी में गहराया बाढ़ का संकट

वाराणसी में गहराया बाढ़ का संकट

436 परिवार विस्थापित, 15 गांव और 10 मोहल्ले पानी में डूबे, प्रशासन अलर्ट

वाराणसी (जनवार्ता)। गंगा नदी का बढ़ता जलस्तर वाराणसी में बाढ़ की गंभीर स्थिति पैदा कर रहा है। शुक्रवार शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर 70.36 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर को पार कर चुका है और खतरे के निशान 71.26 मीटर के बेहद करीब है। गंगा के इस रौद्र रूप ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है और तटवर्ती इलाकों में दहशत का माहौल है।

बाढ़ का सबसे अधिक असर सदर तहसील में देखने को मिल रहा है, जहां 15 गांव पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। रामपुर ढाब, रामचंदीपुर, मुस्तफाबाद, छीतौना, जाल्हूपुर, लुठा, अम्बा, शिवदसा, गोबरहा, मोकलपुर, हरिहरपुर, पिपरी, कैथी, टेकुरी और बर्थरा खुर्द गांवों की फसलें पानी में डूब गई हैं। रामपुर ढाब में तो आवासीय क्षेत्र भी बुरी तरह से प्रभावित है। इसी तरह, शहर के 10 प्रमुख मोहल्ले जैसे सलारपुर, सरैया, नक्खी घाट, दानियालपुर, कोनिया, ढेलवरिया, पुल कोहना, रसूलगढ़, नगवां और पुष्कर तालाब में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।

प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक 294 कृषकों की 53.65 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है। बाढ़ के चलते अब तक कुल 436 परिवार विस्थापित हो चुके हैं, जिनमें से 209 परिवार राहत शिविरों में और 227 परिवार अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। विस्थापितों की कुल संख्या 2019 तक पहुंच चुकी है। राहत कार्य के लिए प्रशासन ने 46 राहत शिविरों को चिह्नित किया है, जिनमें से 13 शिविर इस समय सक्रिय रूप से संचालित हैं। इनमें प्राथमिक विद्यालय, इंटर कॉलेज, मंदिर और निजी स्कूल शामिल हैं, जहां बाढ़ पीड़ितों को आवास, भोजन और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है।

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जिला प्रशासन द्वारा आज के दिन ही 2677 लंच पैकेट, 192 फल, 135 दूध पैकेट, 55 ओआरएस पैकेट और 125 क्लोरीन टैबलेट वितरित किए गए। प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए 22 नावों को सक्रिय किया गया है और 21 लोगों का चिकित्सकीय उपचार भी राहत शिविरों में किया गया।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किया है। किसी भी आपात स्थिति में नागरिक 0542-2508550, 2504170 अथवा 9140037137 पर संपर्क कर सकते हैं। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पूरी सतर्कता बरतें। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और लगातार निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

गंगा का जलस्तर यदि इसी गति से बढ़ता रहा, तो अगले 24 घंटों में स्थिति और भी भयावह हो सकती है। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के साथ साथ संभावित इलाकों में चेतावनी प्रसारित कर रहा है। तटवर्ती गांवों में लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट और नावों की संख्या बढ़ाकर सुरक्षित निकासी की तैयारी की जा रही है।

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