कट गया हुसैन का गला, उजड़ गया फातिमा का घर — नम आंखों से अकीदतमंदों ने किया मातम
वाराणसी (जनवार्ता)। अर्दली बाज़ार में गुरुवार देर रात सक्का-ए-सकीना की मजलिस और जुलूस ग़मगीन माहौल में सम्पन्न हुआ। हिंदुस्तान की मशहूर अंजुमन सिपाहे हुसैनी सुल्तानपुर के नौहा-ख़्वानों ने “कट गया हुसैन का गला” और “उजड़ गया फातिमा का घर” जैसे दर्द भरे नौहे पढ़े तो अकीदतमंदों की आंखें नम हो उठीं। इसके अलावा अंजुमन इमामिया, अंजुमन हुसैनिया और अंजुमन सदाए अब्बास ने भी नौहा और मातमी सीनाजनी पेश की।
मजलिस का आग़ाज़ तफसीर जौनपूरी की सोजख़ानी से हुआ। पेशख़ानी प्रोफेसर अज़ीज़ हैदर, शाद सिवानी और ज़ैद आज़मी ने की। मजलिस को मौलाना अम्बर आब्दी (लखनऊ) ने खिताब करते हुए कहा कि कर्बला की बुनियाद इंसाफ़ और हक़ की लड़ाई है। उन्होंने कहा, जब मौला अब्बास कर्बला पहुंचे और यजीदी फ़ौज से पूछा कि उन्हें क्यों मारना चाहते हो तो जवाब मिला—‘आपके बाबा से बुज़ुर्गी का बग़्ज़ रखते हैं।’
मजलिस के बाद अलम और मौला अब्बास का ताबूत निकाला गया। जुलूस में शामिल अकीदतमंदों ने ज्यारत कर मन्नतें मांगीं। देर रात तक चले इस जुलूस में ग़म का आलम छाया रहा।
जुलूस का संचालन निज़ामत नबील हैदर ने किया। आए हुए मोमिनों का इस्तेकबाल एजाज़ अब्बास ने किया और हाजी एस. एम. जाफ़र ने शुक्रिया अदा किया।