बाढ़ में तैराकी या स्टंट किया तो जाना होगा जेल
नाव संचालन पर भी पाबंदी – पुलिस कमिश्नर ने दिए सख्त निर्देश
वाराणसी (जनवार्ता । बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। मंगलवार को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और अधिकारियों को अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए।
कमिश्नर ने साफ कहा कि बाढ़ के पानी में तैराकी करना, स्टंट करना या बिना अनुमति के नाव चलाना कानूनन अपराध माना जाएगा। ऐसे लोगों को तत्काल हिरासत में लिया जाएगा और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर निजी नावें जब्त की जाएंगी और संचालकों को हिरासत में लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रात्रि गश्त को सघन कर दिया गया है, ताकि खाली घरों में चोरी जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं, अनावश्यक रूप से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में घूम रहे लोगों की भी कड़ाई से जांच की जाएगी।
जर्जर मकानों में रह रहे लोगों से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा संचालित राहत शिविरों में स्थानांतरित हो जाएं। सभी राहत केंद्रों में महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों की 24 घंटे तैनाती की गई है।
निगरानी के लिए अब पुलिस मोटरबोट के साथ-साथ ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल करेगी। किसी भी आपात स्थिति में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी, जल पुलिस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमें 24×7 राहत, बचाव और अनाउंसमेंट का काम करेंगी।
निरीक्षण के दौरान अपर पुलिस आयुक्त शिवहरी मीणा, पुलिस उपायुक्त काशी जोन गौरव बंसवाल, वरुणा जोन के डीसीपी प्रमोद कुमार, डीसीपी (अपराध) सरवनन टी. सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रशासन ने जनहित में अपील की है कि सभी लोग सावधानी बरतें और नियमों का पालन करें, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।