हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में रसायन विज्ञान की उभरती प्रवृत्तियों पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
वाराणसी (जनवार्ता) । हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को “रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उभरती प्रवृत्तियां” विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।


संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता कनाडा के इंस्टीट्यूट आईएनआरएस, यूक्यूएसी के प्रोफेसर चार्ल्स गौथियर रहे। उन्होंने ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया के खिलाफ वैक्सीन विकास तथा मेलियोइडोसिस जैसी गंभीर बीमारी के इलाज हेतु अपने चल रहे शोध कार्य की विस्तृत जानकारी दी।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रजनीश कुँवर ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तेजी से बदलते परिदृश्य में रसायन विज्ञान की उपयोगिता कई गुना बढ़ गई है।
आईआईटी मद्रास के प्रो. इंद्रपाल सिंह अधेन ने फल, दाल, सब्जियों एवं साग-सब्जियों में मौजूद प्राकृतिक अणुओं पर आधारित नई दवाओं की खोज पर बल दिया। हाफलांग गवर्नमेंट कॉलेज, असम की डॉ. संचिता राजखोवा ने क्लिक केमिस्ट्री की तकनीक द्वारा कार्बोहाइड्रेट से दवाएं बनाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
संगोष्ठी में कोलकाता आईआईएसईआर के विभागाध्यक्ष प्रो. बलराम मुखोपाध्याय, सेंट्रल यूनिवर्सिटी तमिलनाडु के प्रो. टी. मोहनदास, आईसीएफआरई देहरादून के डॉ. विनीत कुमार सहित देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए।
आयोजन सचिव प्रो. अनिल कुमार ने बताया कि संगोष्ठी में 52 शिक्षक, 102 छात्र एवं शोधार्थी शामिल हुए। संयोजक बीएचयू के प्रो. विनोद कुमार तिवारी रहे। अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. बी.के. निर्मल ने किया।
इस अवसर पर प्रो. विश्वनाथ वर्मा, प्रो. अनीता सिंह, प्रो. ऋचा सिंह, प्रो. संजय श्रीवास्तव, डॉ. शिवानंद यादव समेत महाविद्यालय के अनेक शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

