अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष जूनियर इंजीनियर संगठन ने जताया विरोध
द्वेषपूर्ण और तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप

वाराणसी (जनवार्ता) । राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष विरोध सभा कर प्रबंधन पर द्वेषपूर्ण और तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। जिसमें संगठन ने कहा कि कुशल और निष्ठावान अवर अभियंताओं को बिना जांच के निलंबित किया जा रहा है, जिससे इंजीनियरों में गहरा आक्रोश है।
इस दौरान जनपद अध्यक्ष इं. मनीष राय ने बताया कि हाल ही में जनपद सचिव इं. प्रमोद कुमार को निर्दोष साबित होने के बावजूद दंडित किया गया। वहीं विशेष आमंत्रित सदस्य इं. अवधेश मिश्रा ने कहा कि इं. सत्येंद्र कुमार गुप्ता को केवल डेढ़ माह की तैनाती के बाद ही निलंबित कर दिया गया। इसी तरह घातक विद्युत दुर्घटना के मामले में इं. पंकज जायसवाल व उपखंड अधिकारी इं. जितेंद्र प्रसाद को दोषमुक्त पाए जाने पर भी निलंबन की कार्रवाई की गई।
संगठन का आरोप है कि अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता द्वारा चुन-चुनकर पदाधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है। जहाँ 22 सितंबर को केशव सदन में हुई आपात बैठक में तय किया गया कि जब तक अन्यायपूर्ण निलंबन वापस नहीं होते, तब तक सभी सदस्य अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष सामूहिक उपस्थिति दर्ज कराते रहेंगे। यदि किसी सदस्य पर कार्रवाई होती है तो सभी इंजीनियर विभागीय कार्य बंद कर धरना देंगे।
संगठन ने स्पष्ट किया कि उपभोक्ता सेवाओं को सर्वोपरि रखते हुए नवरात्रि के दौरान निर्बाध आपूर्ति दी जाएगी, किंतु शीर्ष प्रबंधन से तत्काल हस्तक्षेप कर न्याय की मांग की गई। इस अवसर पर केंद्रीय उपमहासचिव इं. दीपक गुप्ता, पूर्वांचल सचिव इं. नीरज बिंद, पूर्वांचल संगठन सचिव इं. ज्योति भास्कर सिन्हा सहित अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल रहे।

