काशी को मिलेगी देश की पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे सेवा
दिव्यांगों और महिलाओं के लिए होंगी विशेष सुविधाएं
वाराणसी (जनवार्ता) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनहितकारी सोच का प्रतीक बनता जा रहा है काशी में निर्माणाधीन देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे। यह परियोजना न केवल तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक होगी, बल्कि मानवता और समावेशिता की दृष्टि से भी देश में एक नई मिसाल कायम करेगी। कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक बनने वाला यह रोपवे कुल 3.85 किलोमीटर लंबा होगा, जिसकी यात्रा यात्री मात्र 16 मिनट में पूरी कर सकेंगे।
रोपवे के 29 टावरों के सहारे कुल 148 ट्रॉली कारें 45 से 50 मीटर की ऊंचाई पर चलेंगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री बैठ सकेंगे और एक दिशा में प्रतिघंटा 3,000 लोग यात्रा कर सकेंगे, यानी दोनों दिशाओं में कुल 6,000 लोग प्रतिघंटा सफर कर पाएंगे।
सरकार ने इस परियोजना को हर वर्ग के लिए सुलभ बनाने की दिशा में विशेष प्रावधान किए हैं। दिव्यांगजन व्हीलचेयर के साथ गंडोला में यात्रा कर सकेंगे। स्टेशनों पर रैंप और व्हीलचेयर की सुविधा रहेगी। नेत्रहीन यात्रियों के लिए विशेष मार्गदर्शक टेक्टाइल टाइल, ब्रेल लिपि में संकेत तथा बबल टाइल की व्यवस्था की जा रही है, जिससे उन्हें स्टेशनों पर आवाजाही में कोई कठिनाई न हो। लिफ्टों में भी ब्रेल लिपि में संकेत अंकित होंगे।
महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर रोपवे स्टेशन पर बेबी फीडिंग रूम की व्यवस्था की जा रही है, ताकि माताएं अपने बच्चों की देखभाल सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण में कर सकें।
यह रोपवे कैंट स्टेशन से शुरू होकर काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर होते हुए गोदौलिया तक जाएगा। इसके शुरू होने से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बड़ी राहत मिलेगी और पर्यटकों को घाटों व मंदिरों तक पहुंचना सुगम हो जाएगा।