केआईटी बना एआईसी-बीएचयू का सैटेलाइट केंद्र
नवाचार व उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अटल इनक्यूबेशन सेंटर – महामना फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (एआईसी-बीएचयू) ने काशी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआईटी), मिर्जामुराद के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत केआईटी को एआईसी महामना फाउंडेशन का सैटेलाइट केंद्र घोषित किया गया है, जो स्थानीय स्तर पर नवाचार और उद्यमिता को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

समारोह का आयोजन केआईटी परिसर में हुआ, जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस और रिपोर्टिंग सत्र भी संपन्न हुआ। एआईसी-बीएचयू की ओर से प्रोफेसर इन-चार्ज डॉ. पी.वी. राजीव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। प्रमुख अतिथियों में एआईसी-बीएचयू के कार्यकारी अधिकारी डॉ. नंद लाल, श्रीमती सिमरन दुबे, अभिषेक झा, आशीष श्रीवास्तव और अभिषेक यादव उपस्थित रहे।
केआईटी की ओर से विपुल जैन (उपाध्यक्ष), वत्सल जैन (प्रबंधन सदस्य), प्रो. आशुतोष मिश्रा (निदेशक फार्मेसी), डॉ. ए.के. यादव (उप निदेशक), डॉ. डी.एम. श्रीवास्तव (डीन अकादमिक) और रवि श्रीवास्तव (डीन प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट) ने भाग लिया। संस्थान के समाज शिक्षक विभाग अध्यक्ष एवं अन्य कर्मचारी गण भी मौजूद रहे।
यह साझेदारी वाराणसी एवं आसपास के क्षेत्रों में युवा प्रतिभाओं को सशक्त बनाने, इनोवेशन ड्राइवेन विकास को गति प्रदान करने और मजबूत पारिस्थितिक तंत्र विकसित करने पर केंद्रित है। दोनों संस्थानों का सहयोग क्षेत्रीय उद्यमिता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

