वाराणसी : हत्या के मामले में महिला समेत चार आरोपितों को आजीवन कारावास
कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये जुर्माने की भी सुनाई सजा सुनाई

वाराणसी (जनवार्ता) | पाक्सो एक्ट तृतीय की अदालत ने गुरुवार को एक दशक पुराने हत्या के मामले में चार आरोपितों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला जीवधीपुर निवासी पूनम मिश्रा, भूपेंद्र नाथ तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी, रानीपुर (महमूरगंज) निवासी नरेन्द्र दत्त त्रिपाठी उर्फ शिब्लू और बजरडीहा निवासी प्रमोद कुमार तिवारी के खिलाफ सुनाया गया।
घटना वर्ष 2015 की है। भेलूपुर थाना क्षेत्र में दर्ज इस मामले में चारों आरोपितों पर हत्या और साजिश की धाराओं—धारा 302 और 120 बी भादवि—के तहत मुकदमा कायम किया गया था। पुलिस जांच में आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद मामला अदालत में प्रस्तुत किया गया।
करीब दस वर्षों तक चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं और गवाहों के बयान दर्ज किए गए। सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने सभी आरोपितों को दोषी ठहराया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आजीवन कारावास से कम सजा उपयुक्त नहीं होगी।
इस मुकदमे में एडीजीसी (क्राइम) रोहित मौर्य, तत्कालीन थाना प्रभारी अजीत मिश्रा, पैरोकार कांस्टेबल हरिओम और कोर्ट मोहर्रिर नितिन कुमार राय की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनके प्रयास से अभियोजन पक्ष ने मामला मजबूती से अदालत में रखा, जिसके आधार पर आरोपितों को दोषी ठहराया गया।

