दालमंडी में ध्वस्तीकरण के खिलाफ भारी विरोध, पूरा बाजार बंद
वाराणसी (जनवार्ता)। दालमंडी क्षेत्र में मंगलवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना के तहत दो पुराने भवनों को गिराने पहुंची वीडीए और प्रशासन की टीम का दुकानदारों व स्थानीय महिलाओं ने पुरजोर विरोध किया। महिलाएं और बच्चे सड़क पर बैठ गए, नारेबाजी की जिसके बाद पूरा दालमंडी बाजार बंद हो गया।

ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित भवनों में पहला भवन नदीम अनवर के कटरे में डी-43/181 था, जिसमें 14 दुकानें संचालित हो रही थीं। दूसरा भवन डी-50/221 था, जिसके मालिक उस्मान हैं। दोनों भवनों में रहने वाले और दुकान चलाने वाले परिवारों ने एक स्वर में कहा कि उन्हें न तो उचित नोटिस मिला और न ही वैकल्पिक स्थान या मुआवजे की कोई ठोस व्यवस्था की गई है।
महिलाओं ने प्रशासन से गुहार लगाई, “हमारी रोजी-रोटी छीन रहे हो, पहले हमें दूसरी जगह बसाओ, फिर गिराओ।” बच्चों को आगे करके प्रदर्शन करने से पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी असमंजस में पड़ गए। एडीएम सिटी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के बावजूद ध्वस्तीकरण कार्य शुरू नहीं हो सका।
दुकानदारों का कहना है कि बार-बार आश्वासन के बावजूद अभी तक पुनर्वास की कोई ठोस योजना नहीं दिखाई गई है। दूसरी ओर प्रशासन का कहना है कि इन भवनों को अवैध अतिक्रमण मानते हुए कई बार नोटिस दिया जा चुका है और शहर के विकास व यातायात सुगमता के लिए यह कार्य जरूरी है।
विरोध इतना उग्र हो गया कि दालमंडी के सैकड़ों व्यापारियों ने तुरंत अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दीं और पूरा बाजार दिन भर बंद रहा। शाम तक प्रशासनिक टीम बिना कोई कार्रवाई किए वापस लौट गई।
स्थानीय लोगों में भारी रोष है। उनका कहना है कि बिना पुनर्वास के यह कार्रवाई उनकी जिंदगी पर सीधा हमला है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन अगले कदम में दुकानदारों की मांगों को कितना सम्मान देता है या फिर बलप्रयोग का रास्ता अपनाता है।
फिलहाल दालमंडी में तनाव बना हुआ है और व्यापारी बुधवार को भी बाजार बंद रखने की चेतावनी दे रहे हैं।

