पूर्व महापौर के नेतृत्व में सिख संगत के सदस्यों ने अंत्येष्टि स्थल पर पहुंच पंडित जी को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
वाराणसी (जनवार्ता)। शास्त्रीय संगीत के दिग्गज और पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन से संगीत प्रेमी समुदाय शोक की लहर में डूबा हुआ है। 89 वर्षीय पंडित जी ने गुरुवार तड़के मिर्जापुर स्थित बेटी के आवास पर अंतिम सांस ली। मणिकर्णिका घाट पर उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया, जहां देशभर से उमड़े शोकाकुल लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे।
संगीत जगत के इस अपूरणीय नुकसान पर सामाजिक संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया। इसी कड़ी में पूर्व महापौर रामगोपाल मोहले के नेतृत्व में सिख संगत के सदस्यों ने अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचकर पंडित जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पंडित जी के साथ बिताई यादों को साझा करते हुए कहा कि उनकी गायकी ने बनारसी ठुमरी और खयाल को नई ऊंचाइयां दीं। सिख संगत की ओर से उनके पार्थिव शरीर पर गुरुघर का सरोपा, शाल और माला चढ़ाई गई, जो उनकी विरासत के प्रति समर्पण का प्रतीक बनी।
शोक सभा में उपस्थित लोगों ने पंडित जी के जीवन के उन सुनहरे पलों को भी याद किया, जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने काशी की ओर से उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया था। पंडित जी न केवल संगीत के उस्ताद थे, बल्कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी लोकसभा नामांकन के प्रस्तावक के रूप में भी उनकी भूमिका अविस्मरणीय रही। प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत विभिन्न हस्तियों ने उनके निधन पर शोक संदेश जारी कर संगीत जगत की क्षति पर दुख जताया।
पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म आजमगढ़ में हुआ था और उन्होंने किराना व बनारस घराने की परंपरा को जन-जन तक पहुंचाया। उनके निधन से काशी का संगीत घराना अभिमानित होने के साथ-साथ गहन शोक में भी है। उनके चार पुत्रियां व एक पुत्र जीवित हैं, जबकि पत्नी व एक पुत्री का निधन पूर्व में हो चुका है।