काशी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी में हर्बल ड्रग रिसर्च पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
वाराणसी (जनवार्ता) । काशी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, वाराणसी में शुक्रवार को “ब्रिजिंग ट्रेडिशनल नॉलेज एंड मॉडर्न साइंस: एडवांसेज इन हर्बल ड्रग रिसर्च एंड डेवलपमेंट” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से हर्बल दवा अनुसंधान एवं विकास में नई संभावनाओं को बढ़ावा देना था।


कार्यक्रम में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, आई.ई.टी. कॉलेज ऑफ फार्मेसी (जौनपुर), मां सरस्वती पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट, आर.ए.एस. इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (जौनपुर), हाइजिया इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (लखनऊ) तथा के.जे. कॉलेज ऑफ फार्मेसी (वाराणसी) के विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की और अपने शोध पोस्टर प्रस्तुत किए।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. के. जयराम (बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा), प्रो. कमल नयन द्विवेदी (सेवानिवृत्त प्रोफेसर, संकाय आयुर्वेद, आईएमएस, बीएचयू) तथा डॉ. आशीष अग्रवाल (एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, आईआईटी बीएचयू) रहे, जिन्होंने हर्बल दवाओं के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान पर गहन प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक प्रो. अशुतोष मिश्रा के स्वागत उद्बोधन से हुआ। सीओई श्री कुमार आलोक ने संगोष्ठी की महत्ता पर जोर दिया, जबकि विभागाध्यक्ष श्री सचिदानंद पाठक ने धन्यवाद ज्ञापन किया। पूरे आयोजन का संचालन एवं समन्वय श्री सिद्धार्थ तिवारी ने कुशलतापूर्वक किया।
यह संगोष्ठी फार्मेसी शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में पारंपरिक एवं आधुनिक दृष्टिकोण के मेल से उत्पन्न संभावनाओं को रेखांकित करने में सफल रही।

