हरिश्चंद्र पी.जी. कॉलेज में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला

हरिश्चंद्र पी.जी. कॉलेज में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला

वाराणसी (जनवार्ता) : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर हरिश्चंद्र पी.जी. कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग, गाइडेंस एंड काउंसलिंग सेल और भारतेन्दु कल्चरल क्लब के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय था- “भारतीय संगीत चिकित्सा और तनाव प्रबंधन हस्तक्षेप”।

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कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और छात्राओं महिमा यादव व अंशिका यादव द्वारा प्रस्तुत कुलगीत व सरस्वती वंदना के साथ हुआ। मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. ममता वर्मा ने अतिथियों व उपस्थितजनों का स्वागत करते हुए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा सबसे बड़ी भूल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रथम महानिदेशक जार्ज ब्रॉक चिशोल्म के शब्दों में, ‘बिना मानसिक स्वास्थ्य के सच्चा शारीरिक स्वास्थ्य संभव नहीं।’ वैश्विक स्तर पर 14% और भारत में 15% वयस्क आबादी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही है। संगीत चिकित्सा एक प्राकृतिक पद्धति है, जो मन, मस्तिष्क और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।”

मुख्य अतिथि प्रो. रश्मि सिंह, पूर्व विभागाध्यक्षा, मनोविज्ञान विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, ने WHO की 2025 थीम ‘आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच’ पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिटल युग में स्मार्ट डिवाइस और सोशल मीडिया की लत से उत्पन्न चिंता, अवसाद और अकेलेपन जैसी समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल खुशहाली के लिए डिवाइस उपयोग कम करने की सलाह दी।

मुख्य वक्ता डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने भारतीय संगीत चिकित्सा को तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य सुधार का वैज्ञानिक साधन बताया। उन्होंने कहा, “संगीत मस्तिष्क और भावनाओं पर सीधा प्रभाव डालता है। विभिन्न राग और लय मस्तिष्क की तरंगों को संतुलित कर भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।” उन्होंने गायन, वादन और श्रवण के माध्यम से तनाव नियंत्रण और नाद योग के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

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महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रजनीश कुँवर ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

कार्यक्रम में प्रो. विश्व नाथ वर्मा, प्रो. अनिल, प्रो. ऋचा, प्रो. अनुपम शाही, प्रो. शिवानंद, प्रो. कनकलता, डॉ. ओम शर्मा, डॉ. धर्मेंद्र, डॉ. प्रतिमा, डॉ. शेफाली, डॉ. आशुतोष, डॉ. अलका, डॉ. पवन सहित अन्य शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Shiv murti

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